स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी को लेकर नगर निगम के अफसरों के साथ कलेक्टर राजीव रंजन मीना की ओर से भी कई दिन शहर का भ्रमण किया गया, लेकिन गंदगी से पटी और क्षत-विक्षत नालियों पर उनका ध्यान नहीं गया। नगर निगम के अफसरों ने भी कलेक्टर तक इस स्थिति को पहुंचने नहीं दिया गया।
पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी के मद्देनजर नालियों को दुरुस्त करने के लिए एक साथ कई ठेकेदारों को जिम्मा दिया गया, लेकिन नालियों की स्थिति में सुधार नहीं किया जा सका। आधा-अधूरा निर्माण करते हुए ठेकेदारों ने सांठ-गांठ कर भुगतान करा लिया। नतीजा स्थिति पहले की तरह बदतर बनी रही।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम आने में अभी दो महीने का वक्त बाकी है। वैसे तो सर्वेक्षण कार्य जनवरी में ही होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन लागू के चलते प्रक्रिया को तीन महीने के लिए टाल दिया गया। अब सर्वेक्षण के लिए टीम के मार्च में आने की उम्मीद है।