31 वर्षों से चली आ रही मांग
पिछले 31 वर्षों से लिपिकों की वेतन विसंगति चली आ रही है। लिपिक धरना स्थल पर किर्तन – भजन कर रहे हैं। भगवान से कामना कर रहे हैं कि वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर किया जाए।
लिपिकों के प्रमुख मांगों में रमेशचन्द्र शर्मा समिति की 23 अनुशंसाएं लागू करने, लिपिकों का ग्रेड पे उन्नयन कर 1900 स्थान पर 2400 किये जाने, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन, पीएचई एवं वन लिपिकों को समयमान दिये जाना है।
इसके साथ ही अंशकालीन लिपिकों एवं अंशकालीन भृत्यों को अंशकालीन शिक्षकों की तरह नियमित किये जाने, भृत्य का पदनाम बदलकर कार्यालय सहायक किये जाने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वृत्तिकर से छूट प्रदान करने एवं नगर निगम, नगर पालिक, मण्डी के लिपिको को रमेशचन्द्र शर्मा समिति की 23 अनुशंसाओं का लाभ दिया जाय।
24 जुलाई से हड़ताल पर
लिपिक 24 जुलाई से हड़ताल पर हैं। लिपिकों ने हड़ताल केे दौरान रैली निकाली थी। सरकार के विरोध में काले गुब्बारे छोड़े थे। धरने पर बैठे नरेन्द्र मिश्रा ने मांग की है कि 2005 के बाद नियुक्त लिपिकों और भृत्यों को सीपीएफ के स्थान पर जीपीएफ प्रणाली का लाभ दिया जाए।
तृतीय वर्गीय कर्मचारी संघ भी 27 जुलाई से समर्थन में हड़ताल पर आ जायेंगे। अनिश्चितकालीन हड़ताल में संरक्षक आशुतोष द्विवेदी, डीएस चौहान सहित बड़ी संख्या में लिपिक मौजूद रहे।