राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार किसानों का दो लाख रुपए तक का सहकारी बैंक से लिया गया कर्ज माफ किया जाना है। इसके लिए सहकारिता विभाग व जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के स्तर पर प्रक्रिया चल रही है लेकिन कर्ज माफी के पात्र किसानों की पहचान के लिए आरंभिक सूचना ग्राम सहकारी समितियों से आनी है। जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों की कार्य प्रणाली सुस्त होने के कारण अब तक पूरी सूचना तैयार नहीं हो सकी। इसके चलते जिला मुख्यालय पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की प्रक्रिया धीमे चल रही है। बताया गया कि जिले में ३९ ग्राम सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इनके जरिए बीते दस वर्ष मेें हजारों किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण दिया गया पर इनमें से लगभग १२ हजार किसान सहकारी बैंक को ऋण की राशि नहीं लौटा पाए। इन किसानों पर आज भी सहकारी बैंक का लगभग ७५ करोड़ रुपए कर्जा बाकी है और वर्षों से इस राशि की वसूली नहीं हो पा रही। मजे की बात यह है कि 12 हजार कर्जदार किसानों में से कुछ तो 15-15 वर्ष बाद भी बैंक को कर्ज ली गई राशि नहीं लौटा पाए हैं। ऐसे पात्र किसानों का 31 मार्च 2018 तक की अवधि में लिया गया दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ किया जाएगा।
हालांकि ग्राम सहकारी समितियों में भी सूचना तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है मगर कुछ समितियां अब तक आनलाइन नहीं हैं। इस कारण वहां की सूचना आनलाइन पोर्टल पर दर्ज किए जाने में विलंब हो रहा है तथा कुछ समितियों का लेखा रिकार्ड अपडेट नहीं होने के कारण भी सूचना तैयार होने में देरी हो रही है। इस कारण यहां बैढन में जिला सहकारी बैंक के स्तर पर जिले की संपूर्ण सूची नहीं बन पा रही। इस कारण अब तक कर्ज माफी के लिए पात्र किसानों की सही संख्या सामने आने में देरी हो रही है। हालांकि जिले में किसानों को कर्ज माफी का बेसब्री से इंतजार है मगर इसमेें भी कई शर्त लगा दिए जाने के कारण सहकारी बैंक के कर्जदार लगभग १२ हजार में से काफी किसानों के कर्ज माफी से बाहर हो जाने की स्थिति सामने आ रही है।
अब राज्य सरकार की ओर से ऐसे फसली ऋण में से दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किए जाने की घोषणा के बाद जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैढऩ को सभी 39 ग्राम सहकारी समितियों से कर्जदार किसानों की संख्या व उन पर बकाया राशि का ब्यौरा जुटाना है। सामने आया कि अब तक ३९ में से कई ग्राम सहकारी समितियां कर्जदार किसानों के संबंध में सहकारी केन्द्रीय बैंक को पूरी सूचना नहीं दे पाई हैं। इसी प्रकार कुछ समितियों की ओर से दी गई सूचना का ब्यौरा अधूरा या अपूर्ण होना भी पाया गया है। इस कारण सहकारी केन्द्रीय बैंक की ओर से पात्र किसानों की पहचान व उनका कर्ज माफ करने की प्रक्रिया सही तौर पर शुरू होने में देर हो रही है। बताया गया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की ओर से कर्जदार किसानों के संबंध में सही व पूर्ण सूचना जल्द पोर्टल में दर्ज कर दिए जाने के लिए एक बार फिर पाबंद किया गया है।