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सिंगरौली

सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश, मेटल शीट से कवर वाहन ही कर सकेंगे कोल परिवहन

एनजीटी की ओवर साइट कमेटी के निर्देश बरकरार….

सिंगरौलीFeb 26, 2020 / 12:56 pm

Ajeet shukla

covering vehicle transport coal in Singrauli is mandatory with sheet: SC

covering vehicle transport coal in Singrauli is mandatory with sheet: SC

सिंगरौली. यहां ऊर्जाधानी में अब सडक़ मार्ग से वही वाहन कोल परिवहन कर सकेंगे, जिनकी ट्राली मेटल शीट से ढकी होगी। ट्रांसपोर्टरों और संबंधित कंपनियों के लिए सर्वोच्च न्यायालय से कुछ ऐसा ही निर्देश जारी किया गया है। न्यायालय ने एनजीटी की ओवर साइट कमेटी के पूर्व में जारी निर्देश को वाजिब करार देते हुए उसे अमल में लाए जाने की बात कही है। साथ ही कहा है कि अगले महीने न्यायालय में आकर यह स्पष्ट किया जाए कि निर्देश के अनुपालन में जिम्मेदारों ने क्या-क्या तैयारी की है।
सडक़ मार्ग से हो रहे कोल परिवहन का दंश झेल रहे जिले के रहवासियों को लंबे समय के बाद राहत मिलती नजर आ रही है। वैसे तो एनजीटी की ओर से गठित ओवर साइट कमेटी ने प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए वाहनों में मेटल शीट लगाने का निर्देश करीब एक वर्षपहले जारी किया है, लेकिन अभी तक उस पर अमल नहीं किया गया है।एनसीएल के साथ कोल परिवहन में लगे ट्रांसपोर्टरों ने यह तर्क देते हुए सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी कि व्यवहार में निर्देश का पालन संभव नहीं है। फिलहाल अब न्यायालय ने भी ओवर साइट कमेटी के निर्देश को वाजिब करार दिया है।
27 मार्च को देनी होगी जानकारी
न्यायालय ने कोल परिवहन से संबंधित ट्रांसपोर्टरों व कंपनियों को निर्देशित किया है कि वह 27 मार्च को यह जानकारी देंगे कि निर्देश के अनुपालन के मद्देनजर उनकी ओर से क्या तैयारी की गई है। न्यायालय के इस रूख को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि अब कोल परिवहन से होने वाले प्रदूषण से लोगों को राहत मिल जाएगी।
ट्रांसपोर्टरों की दलील, नहीं है संभव
इधर ट्रांसपोर्टरों की दलील है कि वाहनों की ट्राली में मेटल शीट लगाना और उस वाहन से परिवहन करना व्यवहारिक नहीं है। पूर्व में इसके लिए उनकी ओर से कई तर्क भी दिए गए थे। गौरतलब है कि वर्तमान में सडक़ मार्ग से कोल परिवहन करने वाले वाहनों की संख्या करीब 800 है। इनमें से किसी भी मेटल शीट नहीं लगा है।
प्रदूषण कम करने ट्रांसपोर्टरों ने सुझाया था ये विकल्प
– वाहन निर्माताओं से वाहन में ऐसी तकनीकी प्रभावी कराई जाए, जिससे वाहन की ट्राली को स्टील कवर से ढकना संभव हो सके।
– अत्यधिक खराब हो चुकी सडक़ों को दुरुस्त कराया जाए, जिससे कोल परिवहन में लगे वाहनों का आवागमन सरल हो।
– कोल वाहनों की अधिकता को देखते हुए संबंधित सडक़ों की चौड़ाई बढ़ाना आवश्यक प्रतीत होता है।
– औद्योगिक क्षेत्रों को निर्देशित किया जाए कि वह अपने परिक्षेत्र की सडक़ों पर पानी का नियमित छिडक़ाव करें।
– यथा संभव कोल परिवहन के लिए अलग सडक़ बनाया जाए, इससे प्रदूषण और दुर्घटनाओं से भी राहत मिलेगी।
– सडक़ मार्ग से कोल परिवहन को प्रतिबंधित नहीं किया जाए, इससे कई लोगों को रोजगार जुड़ा है और जीविका चल रही है।
निर्देश को अब नजरअंदाज करना मुश्किल
ओवर साइट कमेटी के निर्देश का पालन कराए जाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी दुबे ने न्यायालय में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि न्यायालय की ओर से हाल ही में सभी संबंधितों को निर्देशित किया गया है कि वह वाहनों में मेटल शीट लगाएं। मेटल शीट लगे वाहनों को ही सडक़ मार्ग से कोल परिवहन की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 27 मार्च को निर्देश अनुपालन में क्या किया गया। संबंधितों को इसकी जानकारी भी न्यायालय को देने की बात कही गई है।

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