कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बनाई गई रणनीति के मुताबिक जिले में करीब साढ़े 8 लोगों को टीकाकरण लगाया जाना है। जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को इतने लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह बात और है कि अभी तक विभाग द्वारा केवल 1.33 लाख लोगों को पहला डोज लगा पाना संभव हुआ है। दूसरा डोज लगवाने वालों की संख्या भी अभी काफी कम है। केवल 15600 लोगों को दोनो डोज लगाया जा सका है।
वैक्सीनेशन की यह स्थिति तब है जबकि जिला प्रशासन ने टीकाकरण का कार्य मतदाता सूची के जरिए चुनाव की तर्ज पर शुरू कराया है। किल कोरोना अभियान में लगे अमले को मतदाता सूची देकर बूथवाइज ऐसे लोगों को चिह्नित करना है, जो सूची में शामिल हैं और अभी तक टीकाकरण नहीं कराया है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर टीकाकरण के लिए बूथ पर भेजना है। हैरत की बात यह है कि इतना कुछ होने के बाद भी टीकाकरण की रफ्तार जोर नहीं पकड़ रही है।
दो दिन से बंद पड़ा अभियान
इधर, वैक्सीन के अभाव में दो दिनों से टीकाकरण अभियान ठप पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के पास वर्तमान में इमरजेंसी स्थिति में दोहरी डोज देने के लिए केवल 200 वैक्सीन को सुरक्षित रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक वैक्सीन रीवा से आनी है। सोमवार तक सभी केंद्रों में पहुंच जाएगी और बुधवार से फिर टीकाकरण का कार्य शुरू हो जाएगा। मंगलवार को बच्चों के टीकाकरण का दिन होता है। इसलिए इस दिन सभी केंद्रों पर टीकाकरण नहीं किया जा सकेगा।
सामाजिक संगठनों ने भी लगाया जोर
कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार और जिला प्रशासन की अपील पर सामाजिक संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग की मदद से शिविर का आयोजन कर समुदाय विशेष का टीकाकरण कराया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में टीकाकरण की रफ्तार संतोषजनक है। जरूरत है तो ग्रामीण अंचल में तेजी लाने की। इसके लिए प्रयास जारी है।