scriptविस चुनाव-20118 : जिले की तीनों विधानसभा के दर्जनों बूथ अंधेरे में | Dozens of booths in the three assembly constituencies in the district | Patrika News
सिंगरौली

विस चुनाव-20118 : जिले की तीनों विधानसभा के दर्जनों बूथ अंधेरे में

कोशिशों के बावजूद अब तक नहीं पहुंची बिजली

सिंगरौलीNov 20, 2018 / 06:28 pm

Anil singh kushwah

Dozens of booths in the three assembly constituencies in the district

Dozens of booths in the three assembly constituencies in the district

सिंगरौली. विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख बिल्कुल करीब पहुंच चुकी है, लेकिन जिले में आज भी काफी पोलिंग बूथ बिजली जैसी आवश्यक सुविधा से वंचित हैं। चुनाव मेंं इन बूथों पर वैकल्पिक व्यवस्था से काम चलाया जाना है। इस तरह के हालात चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में अधिक पाए गए हैं। विधानसभा चुनाव के तहत मतदान कराए जाने की व्यवस्था के दौरान ऐसी स्थिति सामने आई है। जिले की तीनों विधानसभा सीटों में कुल 824 बूथ हैं। चुनाव के लिए इन बूथों पर ही मतदान कराया जाएगा।
बूथों पर जल्द विद्युत व्यवस्था के निर्देश
ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित बिजली तंत्र के विस्तार के बावजूद अब भी लगभग डेढ़ सौ बूथ बिजली की सुविधा से वंचित हैं। ऐसे अधिकतर बूथ चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में सामने आए हैं। जिले में चुनाव के तहत सिंगरौली विधानसभा के लिए 272 देवसर विधानसभा के लिए 270 व चितरंगी विधानसभा के लिए 282 बूथों पर मतदान कराया जाएगा।
150 से अधिक बूथों पर बिजली नहीं
मतदान कराने की व्यवस्था का आकलन करने के दौरान सामने आया है कि तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लगभग डेढ़ सौ पोलिंग बूथों पर बिजली की सुविधा अभी भी नहीं हो सकी है। ऐसे बूथों में से अधिकतर शासकीय विद्यालयों या ऐसे ही अन्य भवनों में स्थापित किए गए हैं। बताया गया कि बिजली सुविधा नहीं होने का मामला सामने आने पर वंचित बूथों पर मतदान कराने व इससे जुड़ी अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का सहारा लेना तय किया गया।
दूसरे साधनों से बिजली की व्यवस्था
विद्युत व्यवस्था के अभाव में इन बूथों पर दूसरे साधनों से बिजली व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत चुनाव कार्यालय की ओर से तैयारी कर ली गई है। बताया गया कि इन बूथों पर विशेष निगरानी भी की जाएगी ताकि कोई भी व्यवधान आने पर वहां तत्काल मतदान शुरू कराया जा सके। इस संबंध मेें बिजली कंपनी अधिकारियों की ओर से बताया गया कि संबंधित बूथ वाले गांव या मझले टोले दुर्गम या पहाड़ी क्षेत्र में हैं। वहां बिजली सुविधा मुहैया कराया जाना प्रक्रिया के अधीन है।
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