सिंगरौली

BREAKING NEWS: 3 साल बाद फिर दहली MP की धरती, भूकंप के झटकों ने मचाया हड़कंप

ब्रेकिंग: 3 साल बाद फिर दहली MP की धरती, भूकंप के झटकों ने मचाया हड़कंप

सिंगरौलीApr 11, 2018 / 12:47 am

rishi upadhyay

भोपाल/सिंगरौली। मध्यप्रदेश की धरती एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिली है। मध्यप्रदेश के सिंगरौली में मंगलवार शाम 7.30 बजे के बाद एक के बाद एक आए भूकंप के झटकों ने खलबली मचा दी। ये पहली बार नहीं है कि जब मध्यप्रदेश में भूकंप आया हो। दुनिया में जब भी भूकंप आता है तो भारत सरकार की चेतावनी से मध्यप्रदेश में भी चिंता बढ़ जाती है। कुछ माह पहले ही केंद्रीय गृहमंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग ने बड़ी चेतावनी देकर मध्यप्रदेश के लोगों को भी मुश्किल में डाल दिया था। चेतावनी में कहा गया था कि भारत में कहीं भी 8.2 का शक्तिशाली भूकंप आ सकता है, जो लाखों लोगों को बेघर कर देगा। इसका ज्यादा असर मध्यप्रदेश में भी पड़ सकता है, क्योंकि नर्मदा और ताप्ती नदी का क्षेत्र भूकंप से दहल सकता है।

 

सिंगरौली में आए भूकंप के बाद मचा हड़कंप
ऊर्जाधानी सिंगरौली मंगलवार को भूकम्प के तेज झटके से कांप उठी। रात करीब 7.44 बजे आए भूकम्प की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.6 दर्ज की गई। यह झटका 10 सेकंड तक रहा। अचानक कंपन होने से लोग घरों से बाहर निकल आए। करीब 15 मिनट के लिए शहर की बिजली काट दी गई। इससे पहले करीब 7.15 बजे दो हल्के झटके महसूस किए गए थे। बताया गया, मंगलवार की रात करीब 7.15 बजे दो मामूली झटके महसूस किए गए। तब लोग समझ नहीं पाए। रात 7.44 बजे तेज झटका लगा तो लोग घरों से बाहर आ गए। बनौली स्थित 132 केवीए की लाइन ट्रिप कर गई। हालांकि 15 मिनट बाद बिजली बहाल कर दी गई। एनटीपीसी से मिली जानकारी के अनुसार, भूकम्प के झटके से यूनिट नंबर 4 और 13 ट्रिप हो गई, जो देररात तक रिवाइव हो पाई।

 

बड़े खतरे के मुहाने पर बैठा है मध्यप्रदेश
वैसे तो देशभर के कई राज्यों को भूकंप वाले क्षेत्रों में बांटा गया है, जिसमें से मध्यप्रदेश एक से लेकर तीन जोन में शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग के विशेषज्ञों ने भारत के एक बड़े भूभाग पर 8.2 तीव्रता वाले भूकंप की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि जल्द ही भारत में भयंकर तबाही वाला भूकंप आ सकता है। विशेषज्ञों की माने तो 8.2 या उससे भी अधिक तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है। यह उत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्र को हिलाकर रख देगा, इसके कंपन्न दुनियाभर में महसूस किए जाएंगे।

 

नर्मदा बेल्ट में ज्यादा खतरा –
मध्यप्रदेश के जबलपुर में 22 मई 1997 को आए भूकंप ने शहर की सूरत ही बदल दी थी।
– 22 अक्टूबर 2014 को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन 25 अप्रैल को 2015 को आए भूकंप ने एक बार फिर जबलपुर सहित पूरे प्रदेश को हिला दिया था।
– ग्वालियर, भोपाल सहित इंदौर में भी इन झटकों को महसूस किया गया।
– वैज्ञानिकों के मुताबिक नर्मदा वैली क्षेत्र में भूकंप की संभावनाएं ज्यादा हैं।

 

भोपाल में आ चुका है 3.9 तीव्रता का भूकंप
नेपाल की राजधानी काठमांडू के बाद आफ्टर शॉक भोपाल में भी महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई थी। हालांकि जानमाल के नुकसान की खबर नहीं थी। जिस वक्त भूकंप आया मंत्रालय में कैबिनेट बैठक चल रही थी। झटके महसूस होते ही मंत्रालय के कर्मचारी एवं मंत्री सीढ़ियों से होते हुए मंत्रालय से बाहर भागे। इस बीच सीएम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि स्थिति सामान्य होने तक कोई भी सरकारी दफ्तर में काम नहीं करेगा। सुरक्षा की दृष्टि सेमंत्रालय, सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन सहित शहर के सारे सरकारी दफ्तर खाली करा लिए गए।

 

भूकंप आए तो क्या करें
– भूकंप महसूस होते ही घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान में पहुंच जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
– बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढिय़ों का इस्तेमाल करें।
– कहीं फंस जाएं तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
– भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं, ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
– टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके पांएं कसकर पकड़ लें, ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
– कोई मजबूत चीज न हो तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज से ढंककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
– खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है।
– गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रुकवा लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।

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