यह है पूरा मामला
प्रदेश के कई जिलों में मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजनाएं शुरू की जा रही हैं। लगातार गिरते जलस्तर से सरकार भी चिंतित दिख रही है। प्रदेश सरकार की मांग पर पीएचई विभाग के अधिकारी जिले की 12 ग्राम पंचायतों को चिंहित किए थे। जिनमें से हर ब्लाक में चार-चार ग्राम पंचायतें चिंहिंत की गई हैं। इसी के साथ ही अन्य नौ ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय स्तर पर डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड(डीएमएफ) की मदद ली जानी है। इस तरह से कुल 21 नलजल योजनाएं जिले में संचालित की जानी है।
फिलहाल प्रदेश सरकार से 16.15 करोड़ की 11 नलजल योजनाओं को प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। एक योजना को अभी सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। बाकी चार योजनाओं को अभी कुछ दिन पहले डीएफएफ से चार करोड़ की मंजूरी मिल चुकी है। बची पांच योजनाएं अभी जिला प्रशासन के पास पड़ी हैं। लिहाजा कुल मिलाकर 20 करोड़ से अधिक लागत की पेयजल योजनाओं के निर्माण पर कार्य शुरू होने जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में एक ओवरटैंक का निर्माण किया जाएगा। सबमर्सिबल लगाया जाएगा। टंकी में पानी चढ़ाकार फिर पाइपलाइन के माध्यम से घर-घर पानी की सप्लाई की जाएगी।
बैढ़न अनुमानित लागत लाख रु में
चाचर 141.68
बड़गड़ 107.37
बंधा 103.00
सिद्धीखुर्द 129.04
देवसर
बाघाडीह 205.87
-गन्नई 155.66
-ओडग़ड़ी 182.62
-ओबरी 144.17
चितरंगी
-पराई 152.34
-घोघरा 123.94
-धवई 169.42
10 करोड़ की नलजल योजना डीएमएफ के हवाले
प्रदेश सरकार से मंजूर नलजल योजनाओं के अतिरिक्त नौ योजनाओं को डीएमएफ से मंजूरी मिलनी है। अब तक 407 लाख की चार योजनाओं को डीएमएफ से मंजूरी मिल भी चुकी है। बाकी पांच योजनाएं अभी ठंडे बस्ते में पड़ी हैं।
टेंडर जारी कर दिए गये हैं
प्रदेश सरकार से मंजूर 11 मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजनाओं के लिए टेंडर जारी हो चुक हैं। अभी एक योजना को सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। बाकी 10 करोड़ की नौ योजनाओं को जिलास्तर पर डीएमएफ से मंजूरी दी जानी है। जानकारी के अनुसार, चार योजनाओं को डीएमएफ से राशि स्वीकृति हो चुकी है
-जेपी द्विवेदी, कार्यपालन यंत्री पीएचई