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सिंगरौली

एमपी के इस जिले में 211 गांवों के किसानों पर टूटा ओलावृष्टि का कहर

सरई तहसील पर सर्वाधिक मार…

सिंगरौलीFeb 27, 2020 / 10:20 pm

Ajeet shukla

Farmar of 211 village are facing wastege of crop in Singrauli

Farmar of 211 village are facing wastege of crop in Singrauli

सिंगरौली. मौसम के बिगड़े मिजाज ने बीते तीन दिन में जिले के 211 गांवों पर अपना कहर बरपाया है। प्रारंभिक सूचना में यह खुलासा हुआ है। बीते तीन दिन में लगातार तेज वर्षा व ओलावृष्टि की सर्वाधिक मार जिले की सरई तहसील पर पड़ी है। इस तहसील के 76 गांवों में ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को रौंद डाला है।
राजस्व विभाग का शुरूआती अनुमान है कि जिले मेंं ओलावृष्टि प्र्रभावित सभी गांवों मेंं ५० प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान हुआ है। इस बीच प्रशासन के निर्देश पर सभी तहसीलों में राजस्व अमले की ओर से फसलों को नुकसान के आकलन के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसका नतीजा लगभग एक सप्ताह में सामने आएगा।
जिले में 22, 23 व 24 फरवरी को तीन दिन लगातार अत्यधिक वर्षा के साथ तेज हवा व ओलावृष्टि का सिलसिला चला। इसका सर्वाधिक असर खेतों में खड़ी फसलों पर पड़ा है। ओलावृष्टि की चपेट में आए अधिकतर गांवों में सरसों व अरहर को बहुत अधिक क्षति हुई है तथा अब उनमें पैदावार बहुत कम रह जाने की स्थिति पाई गई है।
इससे किसानों में घबराहट है और किसान इस असमय वर्षा व ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। फसलों को नुकसान के सही आकलन के लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी एसडीएम व तहसीलदारों को सर्वे कराने का निर्देश दिया है। इसकी पालना में तहसीलदार व पटवारी गांवों में क्षति का सर्वे करने के लिए दौड़ रहे हैं।
इस बीच आरंभिक सूचना में सामने आया है कि जिले में ओलों व असमय वर्षा की चपेट में कुल 211 गांव आए हैं। इन गांवों में ही फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। राजस्व विभाग की सूचना के अनुसार सर्वाधिक क्षति सरई तहसील में हुई है। वहां कुल 76 गांवों पर ओलावृष्टि की मार पड़ी है। इसके बाद चितरंगी तहसील ने ओलावृष्टि ने ओलावृष्टि को झेला है।
इस तहसील के 61 गांवों में इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोडऩे का काम किया है। इसी प्रकार तीन दिन वर्षा व ओलावृष्टि के कारण माड़ा तहसील के 41, सिंगरौली तहसील के 21 व देवसर तहसील के 12 गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से अधिकृत रूप से आरंभिक तौर पर इस संंबंध में शासन को अवगत कराया गया है।
वैसे जिले के इन सभी गांवों में फसलों को क्षति की सही स्थिति का पता राजस्व विभाग का सर्वे पूरा होने पर लगभग एक सप्ताह बाद चल सकेगा। उल्लेखनीय है कि इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही शासन की ओर से प्रभावित किसानों को क्षति का मुआवजा मिल सकेगा। फिलहाल इस असमय ओलावृष्टि ने जिले के किसानों को आर्थिक चिंता की गहरी खाई में धकेल दिया है।
अभी फसल पर मौसम के कहर का खतरा बरकरार
तीन दिनों की मार झेलने के बाद भी किसानों की सांस अटकी हुई है। क्योंकि फसल पर मौसम के कहर का खतरा अभी भी बरकरार है।एक ओर जहां मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अभी और बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं दूसरी ओर मौसम का रूख पूर्वानुमान को सही साबित करने पर तुला हुआ है। पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे।
यूं पड़ी ओलावृष्टि की मार
– सरई तहसील में 76 गांव प्रभावित
– चितरंगी तहसील में 61 गांव प्रभावित
– माड़ा तहसील में 41 गांव प्रभावित
– सिंगरौली तहसील में 21 गांव प्रभावित
– देवसर तहसील में 12 गांव प्रभावित

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