प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत जिले में 1.42 किसानों को पात्र माना गया है। इनमें से 130849 किसानों का पंजीयन भी किया गया है, लेकिन लाभ केवल 117627 किसानों को मिल सका है। अधिकारियों का कहना है कि पात्र किसानों में अभी 25 हजार से अधिक किसान लाभ से वंचित हैं। वंचित किसानों में से 13222 किसानों का पंजीयन भी हो चुका है, लेकिन लंबी प्रक्रिया के चलते लाभ नहीं दिया जा सका है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों के योजना से वंचित होने की वजह लंबी प्रक्रिया है। प्रक्रिया के तहत पहले पटवारी किसानों का नाम स्वीकृत करते हैं। इसके बाद तहसीलदार सत्यापन कर उन्हें स्वीकृति देते हैं। उनकी स्वीकृति के बाद किसानों का प्रकरण प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग को जाता है।
वहां से केंद्र सरकार को भेजा जाता है। कई किसानों के नाम आवश्यक दस्तावेज व विवरण के अभाव में केंद्र सरकार स्तर से निरस्त कर दिए जाते हैं। ऐसे में उन किसानों को लेकर फिर दोबारा सारी प्रक्रिया फिर से पूरी की जाती है। यही वजह है कि अभी तक सभी किसानों को सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
मुख्यमंत्री सम्मान का भी यही हाल
मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना का भी यही हाल है। मुख्यमंत्री योजना के लिए किसानों का चयन प्रधानमंत्री योजना के तहत चयनित किसानों में से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री योजना के तहत पात्र किसानों की संख्या 1.42 लाख है, लेकिन योजना का लाभ अब तक केवल 108290 किसानों को मिला है। करीब 42 हजार किसानों को प्रधानमंत्री योजना के साथ मुख्यमंत्री किसान योजना का लाभ भी नहीं मिल सका है।
दोनो योजना में मिलता है 10 हजार रुपए
किसानों इन दोनों योजना के तहत पूरे एक वर्ष में 10 हजार रुपए का लाभ मिलता है। प्रधानमंत्री योजना के तहत दो-दो हजार रुपए की तीन किस्त और मुख्यमंत्री योजना के तहत दो-दो हजार रुपए की दो किस्त मिलती है। किसानों को मिलने वाली इस राशि से बोवनी के सीजन में कई कार्य पूरे हो जाते हैं।