कहने को तो अस्पताल प्रबंधन बेहतर उपचार जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दिए जाने का दावा कर रहा है। लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है। जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती होने वालीं महिलाओं को संक्रमण के बीच रहकर अपना उपचार कराना पड़ रहा है। जबकि प्रसव होने के दौरान व प्रसव होने के बाद संक्रमण मुक्त स्थान पर महिलाओं को भर्ती किया जाना अनिवार्य है, लेकिन जिला अस्पताल में यह व्यवस्था चौपट नजर आ रही है।
एक ओर जहां सरकार लाखों की राशि सफाई के नाम पर खर्च किए जाने को स्वीकृति दी गई तो वहीं दूसरी ओर वर्तमान में जिला अस्पताल प्रबंधन हर महीने सफाई व्यवस्था के नाम पर 1.80 लाख रुपए खर्च कर रहा है। प्रबंधन ने खर्च की पुष्टि करते हुए बताया है कि सफाई का कार्य ठेके पर निजी एजेंसी से कराया जा रहा है। यहां सवाल यह है कि जब सफाई के कार्य में लाखों की राशि खर्च की जा रही है तो यह स्थिति आखिर क्यों बनी हुई है।
प्रसव वार्ड में भर्ती महिलाओं को देखने के लिए जब उनके परिजन व अन्य लोग अस्पताल पहुंचते हैं तो यहां फैली बदबू की वजह से लोगों का कुछ पलों के लिए रूक पाना भी मुश्किल हो जाता है। यही स्थिति रविवार को वार्ड के आसपास नजर आ रही थी।
जिला अस्पताल में नियमित रूप से साफ-सफाई कराई जाती है। बारिश होने पर लोगों के आने-जाने से गंदगी फैल जाती है। इसके बावजूद सफाई के लिए चौबीस घंटे कर्मी लगे रहते हैं।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली।