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सिंगरौली

संक्रमण का खतरा : जिला अस्पताल में महिला वार्ड व ओटी बदहाल, डस्टबिन में सड़ रहा मेडिकल वेस्ट व कचरा

बदबू के वातावरण मेें नवजात में प्रसूताएं……

सिंगरौलीJul 08, 2019 / 01:34 pm

Amit Pandey

Female Ward and OT Badhal in Singrauli District Hospital

Female Ward and OT Badhal in Singrauli District Hospital

सिंगरौली. मरीज अपनी बीमारी का इलाज करवाने अस्पताल आते हैं, जिससे की उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके और वे बीमारी से निजात पाकर अपने घर दुरूस्त सेहत के साथ होकर जाएं, पर जिला अस्पताल में हालात ठीक इसके उल्टा है। यहां आने वाले मरीज व उनके परिजनों में यह भय बना रहता है कि यदि वे अस्पताल जायें तो पुराने बीमारी के साथ कोई नया बीमारी उन्हें ग्रसित न कर ले। डस्टबिन में जगह-जगह कचरा रखा हुआ है। जहां कब स्वस्थ्य व्यक्ति और स्वयं चिकित्सक भी बीमार हो जायें कहा नहीं जा सकता है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस गंभीर समस्या को लेकर बेखबर है।
जबकि प्रतिमाह साफ सफाई के नाम पर 1.80 लाख रुपए खर्च किया जा रहा है बारिश के मौसम में गंदगी से संक्रमण का खतरा बना रहता है। मगर, जिला अस्पताल प्रबंधन परिसर में गंदगी को लेकर गंभीर नहीं है। डस्टबिन में जगह-जगह कचरा रखा गया है। जिससे बदबू के वातावरण में नवजात व प्रसूताएं रहने को मजबूर हैं। हम बात कर रहे हैं ओटी व प्रसव कक्ष की, जहां चौबीस घंटे सफाई होनी चाहिए। वहीं गंदगी देखी जा रही है। ऐसे मौसम में साफ-सफाई को लेकर थोड़ा सा भी कचरा डस्टबिन में रखा गया तो उसे तुरंत वहां से हटाकर साफ कर दिया जाना चाहिए। इससे होने वाली संक्रमण की बीमारियों से बचा जा सकता है लेकिन इस मसले को लेकर कोई गंभीर नहीं है।
बेहतर उपचार का दावा फेल
कहने को तो अस्पताल प्रबंधन बेहतर उपचार जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दिए जाने का दावा कर रहा है। लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है। जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती होने वालीं महिलाओं को संक्रमण के बीच रहकर अपना उपचार कराना पड़ रहा है। जबकि प्रसव होने के दौरान व प्रसव होने के बाद संक्रमण मुक्त स्थान पर महिलाओं को भर्ती किया जाना अनिवार्य है, लेकिन जिला अस्पताल में यह व्यवस्था चौपट नजर आ रही है।
1.80 लाख सफाई पर हो रहे खर्च
एक ओर जहां सरकार लाखों की राशि सफाई के नाम पर खर्च किए जाने को स्वीकृति दी गई तो वहीं दूसरी ओर वर्तमान में जिला अस्पताल प्रबंधन हर महीने सफाई व्यवस्था के नाम पर 1.80 लाख रुपए खर्च कर रहा है। प्रबंधन ने खर्च की पुष्टि करते हुए बताया है कि सफाई का कार्य ठेके पर निजी एजेंसी से कराया जा रहा है। यहां सवाल यह है कि जब सफाई के कार्य में लाखों की राशि खर्च की जा रही है तो यह स्थिति आखिर क्यों बनी हुई है।
थोड़ी देर रूकना हो जाता है मुश्किल
प्रसव वार्ड में भर्ती महिलाओं को देखने के लिए जब उनके परिजन व अन्य लोग अस्पताल पहुंचते हैं तो यहां फैली बदबू की वजह से लोगों का कुछ पलों के लिए रूक पाना भी मुश्किल हो जाता है। यही स्थिति रविवार को वार्ड के आसपास नजर आ रही थी।
वर्जन:-
जिला अस्पताल में नियमित रूप से साफ-सफाई कराई जाती है। बारिश होने पर लोगों के आने-जाने से गंदगी फैल जाती है। इसके बावजूद सफाई के लिए चौबीस घंटे कर्मी लगे रहते हैं।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली।

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