बताया गया है कि ट्रेन के घंटों देरी से आने का सिलसिला कई दिनों से चल रहा है लेकिन बुधवार को तीन घंटे तक ट्रेन का लेट हो जाना यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसका हल हल जिम्मेदार अफसरों के पास नहीं है। जबलपुर से यह ट्रेन भले ही सही समय पर निकले, लेकिन सिंगरौली यदाकदा ही समय पर पहुंचती है।
बुधवार की शाम जबलपुर आधारताल से रवाना हुई इंटरसिटी सिंगरौली एक्सप्रेस न्यू कटनी स्टेशन तक तो समय पर रही, लेकिन कटनी से निकलने के बाद ब्यौहारी से पहले ही इंजन में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण टे्रन तीन घंटे तक लेट हो गई। ट्रेन लेट होने के कारण यात्रियों को होने वाली परेशानी पर किसी का भी ध्यान नहीं रहा।
अधिकारियों ने झाड़ लिया पल्ला
रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन लेटलतीफी और यात्रियों की हुईफजीहत की जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना है यह रेलवे के परिचालन की व्यवस्था है। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं। सिंगल ट्रैक और छोटा स्टेशन है जब ट्रेन लेट आती है तो इस कारण रोकना पड़ता है। अभी तक किसी के पास इसका समाधान नहीं है कि ट्रेन सही समय पर सिंगरौली या जबलपुर पहुंचे। जिससे यात्रियों को परेशानी न हो।
रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन लेटलतीफी और यात्रियों की हुईफजीहत की जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना है यह रेलवे के परिचालन की व्यवस्था है। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं। सिंगल ट्रैक और छोटा स्टेशन है जब ट्रेन लेट आती है तो इस कारण रोकना पड़ता है। अभी तक किसी के पास इसका समाधान नहीं है कि ट्रेन सही समय पर सिंगरौली या जबलपुर पहुंचे। जिससे यात्रियों को परेशानी न हो।
केवल नाम की एक्सप्रेस रह गई ट्रेन
सिंगरौली से जबलपुर तक इंटरसिटी साढ़े आठ घंटे में पहुंचती है। इसकी मुख्य वजह एक्सप्रेस में कहीं न कहीं कुछ दिक्कतें जरूर आ जाती है। जिससे यह एक्सप्रेस ट्रेन अधिकांश निर्धारित समय से कई घंटे लेट रहती हैं। हाल यह है कि जबलपुर इंटरसिटी ट्रेन केवल नाम की एक्सप्रेस रह गई है। यात्रा में लगने वाला समय पैसेंजर ट्रेन से भी बदतर है।
सिंगरौली से जबलपुर तक इंटरसिटी साढ़े आठ घंटे में पहुंचती है। इसकी मुख्य वजह एक्सप्रेस में कहीं न कहीं कुछ दिक्कतें जरूर आ जाती है। जिससे यह एक्सप्रेस ट्रेन अधिकांश निर्धारित समय से कई घंटे लेट रहती हैं। हाल यह है कि जबलपुर इंटरसिटी ट्रेन केवल नाम की एक्सप्रेस रह गई है। यात्रा में लगने वाला समय पैसेंजर ट्रेन से भी बदतर है।