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सिंगरौली

प्रशासन की व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही शिवमंगल की तपस्या

तपती धूप में एक छप्पर के नीचे है क्वारंटीन….

सिंगरौलीMay 29, 2020 / 11:55 pm

Ajeet shukla

Man in Quarantine in Singrauli to family safe from corona infection

Man in Quarantine in Singrauli to family safe from corona infection

सिंगरौली. लॉकडाउन में सूरत से घर के लिए निकले चितरंगी क्षेत्र के रमडिहा गांव निवासी शिव मंगल कोरी जब 16 मई को चेकपोस्ट पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में रहना होगा। घर वालों से भी दूरी बनाए रखनी होगी। ताकि उनके कोरोना संक्रमित होने पर उनके परिजन सुरक्षित रहें। जिम्मेदारों ने क्वारंटीन होने की नसीहत तो दे दिया, लेकिन यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि आखिर शिवमंगल के पास विकल्प है भी या नहीं।
घर में पर्याप्त स्थान नहीं होने के चलते शिव मंगल को मजबूरन घर के बाहर ही अपना डेरा जमाना पड़ा। पिता मुन्नू कोरी ने जैसे-तैसे एक छप्पर तैयार किया। 16 मई के बाद से अब तक शिव मंगल छप्पर के नीचे ही दिन और रात गुजार रहे हैं। 14 दिन बीत जाने के इंतजार में शिवमंगल दिन में आग बरसती जैसी गर्मी और आंधी तूफान झेल रहे हैं। वहीं रात में मच्छर उनकी नींद ***** करते हैं।

वैसे तो अब शिव मंगल 14 दिनों की अवधि पूरी करने के कगार पर पहुंच गए हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि प्रवासियों को उनकी सुविधा के अनुसार घर में या शेल्टर होम में क्वारंटीन कराने की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों को शिवमंगल की समस्या नजर नहीं आई। जबकि अधिकारी आए दिन रमडिहा गांव पहुंच रहे हैं, लेकिन किसी ने भी शिवमंगल को शेल्टर होम में पहुंचाने की जरूरत नहीं समझी है। इधर शिवमंगल व उनके परिजन शेल्टर होम जैसी किसी व्यवस्था से अनजान हैं।
साड़ी बनाने की कंपनी में काम करता था शिवमंगल
शिवमंगल के परिजनों के मुताबिक वह सूरत में एक साड़ी बनाने की फैक्ट्री में काम करता था। 10 हजार रुपए महीने में पगार पाने वाले शिवमंगल दो पगार ही उठा पाए थे कि लॉकडाउन के चलते कंपनी बंद हो गई। करीब डेढ़ महीने वहां सूरत में कमरे में गुजारने के बाद जब शिवमंगल के पास रुपए नहीं बचे तो उन्होंने घर वालों को सूचित किया। घर वालों ने कर्ज लेकर शिवमंगल को 5000 रुपए उसके बैंक खाते में डाला। सरकार की योजना से भी उसे एक हजार रुपए मिले। इसके बाद इन रुपयों की मदद से वह जैसे-तैसे घर पहुंचा।

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