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सिंगरौली

स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल बनने की राह में रोड़ा बने अधूरे मानक

अधिकारी लगा रहे एड़ीचोटी का जोर….

सिंगरौलीSep 23, 2019 / 09:58 pm

Ajeet shukla

Action against consumers with illegal tap connection in Singrauli

Action against consumers with illegal tap connection in Singrauli

सिंगरौली. वैसे तो स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल स्थान पाने के लिए नगर निगम अधिकारियों ने एड़ीचोटी का जोर लगा दिया है, लेकिन कई निर्धारित मानकों के पूरा नहीं होने के चलते लक्ष्य प्राप्त होने में संशय मालूम पड़ रहा है। वस्तुस्थिति से निगम के अधिकारी भी अवगत हैं। यही वजह है कि उन्हें सर्वेक्षण में पीछे रह जाने का भय सता रहा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर कई मानक निर्धारित किए गए हैं। निर्धारित मानकों को हर हाल में पूरा करना है। मानक पूरा नहीं होने पर सर्वेक्षण का परिणाम प्रभावित होना तय है। फिलहाल अधिकारी इस कोशिश में लगे हैं कि अधूरे रह गए मानकों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। अब देखना यह है कि अधिकारी अपनी कोशिश में कितना कामयाब होते हैं।
सर्वेक्षण के बावत निर्धारित ये मानक हैं अधूरे

– स्वीकृत पद के अनुरूप नहीं हैं सफाई कर्मी
सर्वेक्षण के मद्देनजर निर्धारित मानकों में स्वीकृत पद के अनुरूप सफाई कर्मियों की नियुक्ति होना जरूरी है। निगम इस मानक को पूरा नहीं करता है। स्वीकृत पद 448 हैं, लेकिन सफाई कर्मी केवल 328 हैं। रिक्त पदों को भरने की कोशिश जारी है।
– मानक के अनुरूप नहीं है कूड़ा वाहन
वार्ड के क्षेत्र व आबादी के मद्देनजर प्रत्येक वार्ड में कूड़ा उठाने के लिए दो वाहन होने अनिवार्य हैं, लेकिन निगम के 45 वार्डों में कूड़ा उठाने के लिए केवल 40 वाहन उपलब्ध हैं। वाहनों की संख्या 70 किए जाने की योजना है।

– प्रति घर से एक रुपए शुल्क लेना अनिवार्य
कूड़ा उठाने के बदले प्रति घर से हर रोज एक रुपए का शुल्क लेना अनिवार्य है। यह सर्वेक्षण के निर्धारित मानकों में शामिल है। निगम की ओर से इसको लेकर निर्देश तो काफी पहले से हैं, लेकिन शुल्क लेने की अभी शुरुआत नहीं हुई है
– शौचालय का मानक भी अभी अधूरा है
निगम के सभी 45 वार्डों में 13000 शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य भी अभी अधूरा है। कागज पर तो पूरे सभी 13000 शौचालयों का निर्माण पूरा किए जाने के साथ ही बजट जारी करा लिया गया है, लेकिन 300 शौचालय बनाना बाकी है।
– जलकर की वसूली भी मानक में शामिल
स्वच्छता सर्वेक्षण में पेयजल आपूर्ति से लेकर जलकर वसूल किया जाना भी शामिल है। यह भी महत्वपूर्ण मानकों में से एक है। मोरवा में नल कनेक्शन देने की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद शुल्क लेने के लिए पानी का मीटर भी लगाया जाएगा।

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