जिला प्रशासन की ओर से संस्थाओं में क्वारंटीन किए गए लोगों को वहां 7 दिन तक रहना पड़ता है। उसके बाद व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखने पर घर जाने की अनुमति दे दी जाती है। संक्रमण के कोई लक्षण दिखने पर कोरोना संक्रमण की जांच कराई जाती है। उसके बाद जांच रिपोर्ट के अनुसार निर्णय लिया जाता है।
प्रशासन के निर्देश पर बाहर से लौट रहे प्रवासियों को घरों में क्वारंटीन में रहने का निर्देश दिया गया है। बाहर से आने वालों को होम क्वारंटीन कर उनके घर पर पोस्टर चस्पा किया जा रहा है, जिससे लोगों को जानकारी रहे। जिनके घरों में व्यवस्था नहीं है, उन्होंने होम क्वारंटीन की व्यवस्था दी जा रही है।
होम आइसोलेट लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम संस्थागत व होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों पर भी नजर रख रही है। कलेक्टर की ओर से बनाए गए कंट्रोल रूम से उन सभी के स्वास्थ्य की जानकारी ली जाती है और स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होने की स्थिति में उन्हें जांच व इलाज की व्यवस्था मुहैया कराई जाती है।