जानकारी के मुताबिक बीते माह अंबेडकर नगर निवासी सुनील कुमार पाण्डेय के निवास को सूना पाकर चिल्लर गैंग के बदमाशों ने धावा बोलते हुए बर्तन, जेवरात सहित नगदी मिलाकर कुल 30 हजार रुपए का सामान पार कर दिया था, जिसकी शिकायत पीडि़त ने मोरवा थाना में दर्ज करायी थी। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश में जुटी थी। मंगलवार को मुखबिरों ने चिल्लर गैंग की सूचना मोरवा टीआई को दी। सूचना मिलते ही टीआई ने टीम गठित कर मौके पर रवाना किया।
पुलिस टीम ने मछली मण्डी में दबिश देते हुए चिल्लर गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार कर थाने ले आयी। पूछताछ के दौरान गैंग के सदस्य ने जुर्म कबूल किया। नाबालिग ने बताया कि करीब 20 दिन पहले उसने अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद उसके निशानदेही पर चोरी में संलिप्त तीन अन्य नाबालिगों को पुलिस ने पकड़ा, साथ ही करीब 15 हजार का सामान नाबालिगों के कब्जे से बरामद हुआ है। चारों नाबालिगों को मोरवा पुलिस मंगलवार को बाल न्यायालय भेज दी है। उक्त मामले में शामिल एक नाबालिग अभी भी फरार है। जिसकी तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है।
मोरवा टीआई नरेन्द्र सिंह रघुवंशी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं, लेकिन यही नाबालिग बच्चे पढ़ाई छोड़कर गलत रास्ते पर निकल पड़े तो फिर यह सवाल उठना लाजमी है कि ऐसे में देश का क्या होगा? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मोरवा में बीते माह हुई चोरी की वारदात में नाबालिग बच्चे शामिल हैं। जिनकी उम्र 10 से 15 साल के बीच है। इसका खुलासा करते हुए मोरवा टीआई ने बताया कि बीते माह अंबेडकर नगर में हुई चोरी में थाना क्षेत्र के ही कुछ नाबालिगों का हाथ था। जिन्होंने चिल्लर गैंग के नाम से अपनी गैंग बना रखी थी।