यहां भाजपा के राजेन्द्र मेश्राम ने पूर्व मंत्री वंशमणि वर्मा को करीब 28 हजार मतों से हराकर विधायक बने थे। मेश्राम इस बार फिर टिकट के दावेदार हैं। इधर, कांग्रेस से वंशमणि वर्मा भी ताल ठोंक रह हैं। इधर, भाजपा से सुभाष वर्मा भी जोर-आजमाइश को तैयार हैं।
– भाजपा: राजेन्द्र मेश्राम 60 हजार
– कांग्रेस: वंशमणि वर्मा 32 हजार मजबूत दावेदार भाजपा
– राजेन्द्र मेश्राम- वर्तमान विधायक
– सुभाष वर्मा-पूर्व विधायक रामचरित्र वर्मा के पुत्र ये हैं चार मुद्दे
विस्थापन एवं पुनर्वासन, स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, बेरोजगारी, बदहाल सड़कें
– वंशमणि वर्मा- पूर्व मंत्री
– बालेन्द्र वर्मा-कार्यकर्ता ये भी ठोंक रहे ताल
– राजकुमार साकेत, रामभजन साकेत, सविता साकेत जातिगत समीकरण
– अनुसूचित जाति, आदिवासी, साहू और ठाकुर वोट ज्यादा हैं। राजेन्द्र मेश्राम को अपनी जाति के वोटरों पर भरोसा है।
– परंपरागत वोटरों को एकजुट रखना।
– पार्टी में आपसी फूट व कार्यकर्ताओं में निरंतरता का अभाव। विधायक की परफॉर्मेंस
– विकास कार्य भी किए हैं। 1284 करोड़ की गोंड़ परियोजना का शिलान्यास, तीन नये महाविद्यालय की स्थापना, बेराजगारी दूर करने में विफल रहे हैं।
-श्यामकार्तिक चौबे, किसान