बता दें कि सिंगरौली का इलाका तेंदू पत्ता के लिए काफी मशहूर है। ज्यादातर मजदूर तेंदू पत्ता की कटाई और संग्रहण में जुट कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। ऐसे में सिंगरौली जिला प्रशासन की ओर से तेंदूपत्ता खरीद का संकेत मिलने से श्रमिकों का उत्साह बढ़ना लाजमी है। जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के इस दौर में जल्द ही तेंदूपत्ते की खरीद शुरू होगी। ऐसा होने पर सैकड़ों श्रमिकों की रोजी-रोटी का साधन मुहैया होगा।
करथुआ व नगवा के श्रमिकों बजरंग बली यादव, दशरथ साकेत, रामभजन गोंड व अन्य का कहना है कि स्थानीय कलेक्टर की ओर से यहां 15 मई से तेंदूपत्ता की खरीद किए जाने की खबर दी गई है। इसके बाद अब श्रमिक जंगल से तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारी में जुट गए हैं।
बताया जा रहा है कि तेंदूपत्ता का यह सीजन लगभग एक सप्ताह चलेगा। इस दौरान अच्छी किस्म के तेंदू की गट्ठी संग्रह करने के लिए श्रमिकों को जंगल या पहाड़ की ऊंचाई तक जाना पड़ता है। इस एक सप्ताह में परिवार के अधिकांश वयस्क सदस्य जंगल का रुख अपनाते हैं। वहां से तेंदूपत्ता इकट्ठा करते हैं। जंगल से एकत्र तेंदूपत्ता को उसी दिन स्थानीय कोटेदार को सौंप दिया जाता है।
श्रमिकों का कहना है कि लगभग एक सप्ताह में अच्छी गुणवत्ता वाले तेंदूपत्ता एकत्र कर लिया जाता है। हालांकि इस बीच वर्षा होने पर बीच में काम बंद करना पड़ता है। वर्षा से तेंदूपत्ते की गुणवत्ता प्रभावित होती है जिससे इसका संग्रहण नहीं हो पाता।
ऐसे मे इसके संग्रहण के लिए यह मौसम ही उपयुक्त होता है। इस सीजन में ज्यादा से ज्यादा तेंदूपत्ता का संग्रह करना पड़ता है। इसी सीजन से श्रमिक परिवारों को अच्छी आय होती है।