श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर दूसरे दिन भी सुबह कर्मचारी व श्रमिक परियोजनाओं में पहुंच जरूर, लेकिन कार्य नहीं किया। सभी ने कार्य से विरत रहकर सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। यूनियन नेताओं के मुताबिक उत्पादन एवं डिस्पैच ठप कर दिया गया। कुछ आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट को छोड़ दें तो एनसीएल की सभी कोयला परियोजनाएं प्रभावित हुईं।
दूसरे दिन के पहली पाली के आंकड़ों के आधार पर देखें तो हड़ताल से लगभग 80 प्रतिशत तक उत्पादन-डिस्पैच प्रभावित हुआ है। पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी हड़ताल को लेकर सभी पांच सेंट्रल ट्रेड यूनियनें सक्रिय दिखीं। श्रमिक संगठनों ने हड़ताल के पहले दिन को 90 प्रतिशत सफल करार दिया। वहीं साझा बयान में कहा गया कि मजदूरों की एकता देख अब केंद्र सरकार को कॉमर्शियल माइनिंग की जिद छोड़ देनी चाहिए।
यूनियनों की ओर से चेतावनी दी गई कि मजदूर हितों की रक्षा व कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध के लिए जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी करेंगे। इंटक यूनियन नेता आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि हड़ताल से एनसीएल की सभी कोयला खदानों में उत्पादन पूरी तरह बंद है और वहां से कोयले की लदाई और निकासी भी बंद है।
सीटू नेता अशोक धारी ने कहा कि एनसीएल प्रबंधन के हड़ताल विफल करने के सारे हथकंडे विफल हो गए और दो दिनों से कोयला खदानों पर ताला लटका हुआ है। सरकार को कमर्शियल माइनिंग के फैसले को हर हाल में वापस लेना ही होगा नहीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर कोल श्रमिक जाएंगे।
डयूटी पर गए कर्मियों को भेंट किया चूड़ी
निगाही परियोजना में कुछ कर्मी ड्यूटी पर पहुंचे। इससे नाराज हड़ताल पर रही महिला कर्मियों ने उन्हें चूड़ी भेंट किया। ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के आवास पर भी महिला कर्मी व संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी पहुंचे। हालांकि कर्मचारियों ने अत्यावश्यक सेवाओं में ड्यूटी लगे होने का हवाला दिया।
निगाही परियोजना में कुछ कर्मी ड्यूटी पर पहुंचे। इससे नाराज हड़ताल पर रही महिला कर्मियों ने उन्हें चूड़ी भेंट किया। ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के आवास पर भी महिला कर्मी व संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी पहुंचे। हालांकि कर्मचारियों ने अत्यावश्यक सेवाओं में ड्यूटी लगे होने का हवाला दिया।
आपातकालीन चिकित्सा सेवा मिली, बाकी बहिष्कार
नेहरू शताब्दी चिकित्सालय के कर्मी भी दूसरे दिन हड़ताल में शामिल हुए। उनकी ओर से केवल आपातकालीन चिकित्सा सेवा में कार्य किया गया। बाकी की सेवा से कर्मचारी विरत रहे। चिकित्सालय में सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए। यूनियन नेता राजकुमार सिंह, राजेंद्र प्रसाद, विकास दुबे, ईश्वर रजक, दिनेश वर्मा एवं नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में नेहरू शताब्दी चिकित्सालय कर्मी हड़ताल पर रहे।
नेहरू शताब्दी चिकित्सालय के कर्मी भी दूसरे दिन हड़ताल में शामिल हुए। उनकी ओर से केवल आपातकालीन चिकित्सा सेवा में कार्य किया गया। बाकी की सेवा से कर्मचारी विरत रहे। चिकित्सालय में सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए। यूनियन नेता राजकुमार सिंह, राजेंद्र प्रसाद, विकास दुबे, ईश्वर रजक, दिनेश वर्मा एवं नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में नेहरू शताब्दी चिकित्सालय कर्मी हड़ताल पर रहे।
एनसीएल का दावा उत्पादन बढ़ा, डिस्पैच हुआ बंद
इधर, एनसीएल का दावा है कि दूसरे दिन की हड़ताल में उत्पादन बढ़ा है, लेकिन रेलवे ट्रैक बाधित होने से डिस्पैच पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी राम विजय के मुताबिक पहले दिन पहली पाली में कोयला उत्पादन जहां 18500 टन रहा।
इधर, एनसीएल का दावा है कि दूसरे दिन की हड़ताल में उत्पादन बढ़ा है, लेकिन रेलवे ट्रैक बाधित होने से डिस्पैच पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी राम विजय के मुताबिक पहले दिन पहली पाली में कोयला उत्पादन जहां 18500 टन रहा।
वहीं दूसरी दूसरे दिन पहली पाली का उत्पादन 36 हजार टन के करीब पहुंचा। जबकि डिस्पैच लगभग बंद रहा। पहले दिन पहली पाली में 60600 टन कोयला डिस्पैच हुआ था। गौरतलब है कि एक दिन में कंपनी 2.70 लाख टन कोयले का उत्पादन करती है और करीब 2.90 लाख टन कोयला डिस्पैच होता है।