होली का त्योहार नजदीक होने और पारिश्रमिक नहीं मिलने से खफा मजदूरों ने जिम्मेदार अधिकारियों से बात भी की है, लेकिन उन्हें अधिकारियों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। मजदूरों के पारिश्रमिक भुगतान में देरी को लेकर जब कंपनी के संबंधित विभाग के जीएम पुष्पेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कार्य कराने वाली यूपीएल कंपनी और ठेकेदार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।
यूपीएल कंपनी के मैनेजर विश्वजीत नायक ने सारा ठीकरा मजदूरों को काम पर लगाने वाली कंपनी विमला इंटरप्राइजेज के अधिकारी एके सिंह पर थोप दिया। इधर एके सिंह का कहना है कि वह बाहर हैं और अभी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। कुल मिलाकर मजदूरों को होली से पहले पारिश्रमिक मिल सकेगा, यह संभव नहीं जान पड़ रहा है।
कलेक्टर से लगाएंगे गुहार
अधिकारियों की इस उदासीनता पर मजदूरों ने निर्णय लिया है कि वह कलेक्टर से मिलकर समय पर पारिश्रमिक दिलाने की मांग करेंगे। मजदूरों की माने तो नियमानुसार उन्हें प्रत्येक महीने की सात तारीख को पारिश्रमिक मिल जाना चाहिए, लेकिन कभी भी महीने की २० तरीख से पहले पारिश्रमिक नहीं मिलता है।