ऑटो चालकों की आपस में सांठगांठ का नतीजा यह है कि सवारी भी बुरे हालात में यात्रा करने को मजबूर हैं। क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है। दरअसल चालकों के बीच सांठगांठ के चलते ऑटो में जब तक आठ से 10 सवारी बैठ नहीं जाती है। ऑटो न ही रवाना होती है और न ही दूसरा चालक अपनी ऑटो में सवारी बैठाता है। मजबूरन लोगों को ऑटो में बैठना पड़ता है।
मनमानी किराया भी वसूल रहे
पुलिस की मिलीभगत और चुप्पी का आलम यह है कि सवारी को किराया भी अधिक देना पड़ रहा है। जिन स्थानों के लिए वाजिब किराया आठ से 10 रुपए है। वहां के लिए ऑटो चालक 20 से 25 रुपए तक वसूल रहे हैं। इसको लेकर कई बार ऑटो चालकों और यात्रियों में बहस और लड़ाई भी हुई। लेकिन नतीजा सिफर रहा है।