scriptप्रवेश के बाद जिले में या सीधी में होगी पढ़ाई, भ्रम में अभिभावक | Parents are confused about admission in Singrauli Navodaya Vidyalaya | Patrika News
सिंगरौली

प्रवेश के बाद जिले में या सीधी में होगी पढ़ाई, भ्रम में अभिभावक

नवोदय विद्यालय का मामला ….

सिंगरौलीOct 26, 2021 / 12:47 am

Ajeet shukla

Lack of space in Navodaya Vidyalaya of Singrauli, classes of children are going on in Sidhi

Lack of space in Navodaya Vidyalaya of Singrauli, classes of children are going on in Sidhi

सिंगरौली. जिला मुख्यालय में गनियारी मोहल्ले के रहवासी रामनरेश शाह का बच्चा कक्षा पांचवी का छात्र है। बेटे को आगे की पढ़ाई वह नवोदय विद्यालय में कराना चाहते हैं। वर्तमान में आवेदन प्रक्रिया भी शुरू है, लेकिन वह इस बात को लेकर परेशान हैं कि प्रवेश के बाद बच्चों की कक्षाएं यहां जिले में संचालित होगी या फिर सीधी स्थित नवोदय विद्यालय में। यह परेशानी केवल एक रामनरेश की नहीं बल्कि दूसरे अभिभावकों की भी है। परेशानी वाजिब भी है।
क्योंकि चालू शैक्षणिक सत्र में अभिभावकों ने बच्चों को प्रवेश तो सिंगरौली में संचालित नवोदय विद्यालय में समझ कर दिलाया, लेकिन कक्षाएं सीधी नवोदय विद्यालय में चल रही हैं। यह स्थिति विद्यालय के लिए भवन की व्यवस्था नहीं हो पाने के चलते बनी है। शासकीय आइटीआइ पचौर के एक छोटे से भवन में संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षाओं के संचालन के लिए स्थान नहीं है।
प्राचार्य आरके कस्तवार का कहना है कि जब तक विद्यालय के लिए भवन की व्यवस्था नहीं हो जाती है सीधी और सिंगरौली के छात्रों के लिए संयुक्त रूप से 80 सीटों पर प्रवेश होगा। साथ ही कक्षाएं भी वहीं चलेंगी। यहां जिले में भवन की व्यवस्था कब तक होगी और व्यवस्था होने पर कक्षा संचालन क्या यहां संभव है। इस संबंध में शिक्षा अधिकारी भी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं। यह हाल तब है जबकि नवोदय विद्यालय के लिए रंपा में जमीन तक आवंटित की जा चुकी है।
विद्यालय के अस्तित्व पर मडराने लगा संकट
वर्तमान स्थिति को देखते हुए तमाम कोशिश के बाद शुरू हुए विद्यालय के अस्तित्व में संकट मडराने लगा है। क्योंकि चालू शैक्षणिक सत्र की कक्षाएं सीधी में शुरु होने के बाद नए सत्र की कक्षाएं भी सीधी में शुरू हुई तो यहां लगातार दो शैक्षणिक सत्र का अंतराल हो जाएगा। इसके अलावा कक्षा नवीं व 10 वीं के छात्रों के लिए सीबीएसइ में पंजीयन की समस्या भी खड़ी हो सकती है। क्योंकि पंजीयन के लिए बोर्ड की ओर से निर्धारित मानक आड़े आएंगे।
ठंड पड़ा आवंटित जमीन का मामला
इधर, विद्यालय को आवंटित जमीन का मामला भी ठंडा पड़ा हुआ है। विद्यालय को रंपा में 8.1 हेक्टेयर जमीन आवंटित है। भवन बनाने के लिए 19 करोड़ का ठेका भी हो चुका है, लेकिन आवंटित जमीन में कुछ लोगों का मकान और उसमें रहवास है। ऐसे में मामला अधर में लटक गया है। जिला प्रशासन की ओर से भी मामले का निराकरण नहीं हो पा रहा है, जबकि भवन निर्माण का ठेका लेने वाले एजेंसी यहां कार्यालयों का चक्कर लगाकर लौट चुकी है।

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