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सिंगरौली

वन व पर्यावरण विभाग की मंजूरी बिना अटका दो नई कोल खदानों का काम

एपीएमडीसी व टीएचडीसी को आवंटित है नई खदान….

सिंगरौलीJan 18, 2020 / 01:14 pm

Ajeet shukla

NCL's coal production lags behind target in first half of financial year

NCL’s coal production lags behind target in first half of financial year

सिंगरौली. ऊर्जाधानी में दो और कोल खदानों में खनन का श्रीगणेश मंजूरी के अभाव में अधर में लटक गया है। दोनों खदानों को लेकर बाकी की निर्धारित प्रक्रिया तेजी के साथ पूरी की गई, लेकिन वन व पर्यावरण विभाग से हरीझंडी नहीं मिल पाने के कारण काम पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में खदानों के शुरू होने में छह से सात महीने की देरी समझ में आ रही है।
दरअसल जिले में दो नई खदान एपीएमडीसी व टीएचडीसी को दी गई है। आंध्र प्रदेश की कंपनी एपीएमडीसी ने लंघाडोल क्षेत्र के झलरी, डोंगरी, मझौली पाठ, आमाडांढ़, सिरसवाह, बेलवार व बजौड़ी गांवों में भूअर्जन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है।
इन गांवों के 2.5 हजार हेक्टेयर रकबे में खनन का कार्य शुरू करने के लिए अब वन व पर्यावरण विभाग की मंजूरी का इंतजार है। इधर दूसरी ओर से टीएचडीसी की ओर से भी बरगवां क्षेत्र के पिडऱवाह गांव में खदान संबंधित प्रक्रिया तेजी के साथ पूरी की जा रही है। हालांकि अभी वहां वन व पर्यावरण विभाग की एनओसी लेने सहित कुछ और प्रक्रिया बाकी है।
लेकिन माना जा रहा है कि दोनों ही खदानों के लिए संबंधित सभी प्रक्रिया छह से सात महीने में पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल पूर्व में तय योजना के मुताबिक खदानों का कार्य अब तक शुरू हो जाना चाहिए था। बता दें कि टीएचडीसी की ओर से 1600 हेक्टेयर में खदान शुरू किया जाना है।
खदानों के शुरू होने का लंबे समय से इंतजार
ऊर्जाधानी में इन दोनो खदानों के शुरू होने का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है। खासतौर पर स्थानीय ग्राहकों को कोल खनन का कार्य शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है। इसकी मूल वजह यह है कि इन खदानों के शुरू होने पर स्थानीय ग्राहकों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध होने लगेगा।
बाहरी ग्राहकों को भी भेजा जाएगा कोयला
हालांकि टीएचडीसी के लिए उत्तर प्रदेश के खुर्जा जिले के पावर प्लांट को कोयला उपलब्ध कराने की योजना है। खुर्जा पॉवर प्लांट को कोयला उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता होगी। जबकि एपीएमडीसी की ओर से स्थानीय विद्युत उत्पादक कंपनियों के साथ अन्य ग्राहकों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।
अभी 100 मीट्रिक टन कोयले की हर रोज खपत
ऊर्जाधानी में करीब 100 मीट्रिक टन कोयले की खपत की जा रही है। अकेले एनसीएल 80 मीट्रिक टन कोयला हर रोज अपने ग्राहकों को देता है। बाकी का 20 टन कोयला अन्य दूसरी कंपनी खुद से उत्पादन कर उपयोग में लाती हैं। दो नई खदान शुरू होने पर हर रोज 150 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होगा।

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