एनटीपीसी विंध्याचल के मैत्री सभागार में आयोजित परिचर्चा में राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने जिले के विभिन्न मार्गों से कनेक्टिविटी की जरूरत बताई। शिक्षाविद् डॉ. वीणा तिवारी ने जिले के इतिहास व वर्तमान पर प्रकाश डाला। साथ ही भविष्य की आवश्कताओं का जिक्र किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक प्रसार की जरूरत बताई। स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर डॉ. डीके मिश्रा ने कहा कि जिले की स्थापना से लेकर अब तक की स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी विस्तार हुआ है, लेकिन वर्तमान की जरूरतों व पड़ोस के बड़े शहरों से तुलना की जाए तो काफी पीछे हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं कि मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद सुविधाएं और बेहतर होंगी, लेकिन सुपरस्पेशियलिटी जैसी सुविधाओं के लिए व्यापक विस्तार जरूरी होगा। स्वास्थ्य के साथ निजी क्षेत्रों का निवेश इसके लिए जरूरी है। व्यवसायी एसपी सिंह ने जिले के संरचनात्मक विकास और डॉ. आरडी पांडेय व रामशिरोमणि शाहवाल सहित अन्य ने समग्र विकास पर सुझाव दिया। इस मौके पर विकास संबंधित बिन्दुओं पर आधारित प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया गया।
उद्योगपतियों से निवेश के लिए किया आह्वान विकास संबंधित सुझावों के बाद कलेक्टर ने पूंजीपतियों से यहां जिले में निवेश के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अधिकतम दो से तीन वर्षों में जिले की तस्वीर बदल जाएगी। इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज के साथ संरचनात्मक विकास भी होंगे, लेकिन इन सबके बीच बड़े शहरों की तरह विकास के लिए यहां निजी क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता है। सफलता की अपार संभावनाएं हैं। जरूरत है कि पूंजीपतियों द्वारा कदम आगे बढ़ाने की।
केंद्र शासित राज्य घोषित करने की मांग ऊर्जाधानी यानी एमपी के सिंगरौली को, यूपी के सोनभद्र व छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर के अलावा दूसरे जिलों को मिला केंद्र शासित राज्य घोषित करने की मांग की गई। एक्सपर्ट्स ने कहा कि इन क्षेत्रों का रहन-सहन एक है और रोटी-बेटी का रिश्ता है। ऐसे में केंद्र शासित राज्य घोषित कर विकास किया जाए।
हाईवे के साथ दूसरे मार्गों पर देना होगा ध्यान जिले के संरचनात्मक विकास के लिए सीधी-सिंगरौली हाईवे व मुख्यालय पर बाईपास सड़क के साथ दूसरे मार्गों को भी तैयार करना होगा। हवाई पट्टी की बजाय हवाई अड्डा और रेलवे की कनेक्टिविटी बेहतर करना होगा।
बगदरा व माड़ा पार्क में बने हेल्थपार्क माड़ा व बगदरा में हेल्थ पार्क बनाने का सुझाव दिया गया। वहां योग व व्यायाम का प्रशिक्षण केंद्र संचालित करने की मांग उठी। मंथन पर बैठे लोगों ने कहा कि आधुनिक परिवेश में भी परंपरा को बनाए रखना होगा।
कोयला परिवहन के लिए अलग मार्ग की जरूरत प्रदूषण पर वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि जिले की यह सबसे बड़ी समस्या है। इसे जितनी जल्दी हो सके दूर किया जाए। कोयला परिवहन के लिए कंपनियों द्वारा अलग से मार्ग तैयार कराए जाने की मांग की गई। चिमनियों से निकलने वाले धुआं के लिए ट्रीटमेंट प्लांट व फ्लाईऐश के इंतजाम सीमेंट फैक्ट्री संचालित कराने का सुझाव दिया गया।
कोल खदानों, ओबी कंपनियों से अलग मिले काम जिले में बेरोजगारी के मुद्दे पर आए सुझाव में कहा गया कि यहां अधिकतम लोगों को रोजगार ओबी कंपनियों व कोयला खदानों में दिया जाता है। रोजगार के लिए इससे अलग विकल्प तैयार किए जाएं। औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो, ताकि नए उद्योग संचालित हों।