प्रसूताओं के प्रोत्साहन राशि में सिस्टम बना रोड़ा
योजना का नहीं मिला पा रहा महिलाओं को लाभजिम्मेदार बेपरवाह
Reality of Janani Suraksha Yojna
सिंगरौली. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) जननी सुरक्षा योजना के तहत संचालित प्रसूताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि ज्यादातर को नहीं मिल पाई है। अस्पतालों में महिलाओं का प्रसव तो हो रहा है, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए मिलने वाली राशि सरकारी निर्देशों की खानापूर्ति में उलझ कर रह गई है।
योजना के तहत निर्धारित नियमों के मुताबिक प्रसूताओं को दी जाने वाली राशि उनके बैंक खातों में दी जाती है, लेकिन ज्यादातर महिलाओं की राशि अटक गई है। बैंक खाता का नहीं खुलना या फिर खाता नंबर में गड़बड़ी होना बताया जा रहा है। हाल यह है कि राशि के लिए प्रसूताओं के परिजन स्वस्थ्य विभाग व अस्पतालों के चक्कर लगाना पड़ रहा है। निर्धारित शर्तों की खानापूर्ति परिजनों पर भारी पड़ रही है। नतीजा कईयों ने राशि मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी है।
34 केंद्रों पर प्रसव
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिलाकर कुल ३४ स्थानों पर संस्थागत प्रसव कराए जाते हैं, ताकि ग्रामीण अंचल की महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिले। हकीकत यह है कि जिले भर में ३४ केन्द्रों पर हो रहेे प्रसव करा रही प्रसूतओं को प्रोत्साहन राशि के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है।
ये मिलती हैं सुविधाएं
जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलीवरी कराने पर प्रोत्साहन राशि प्रसव के बाद घर तक जाने वाहन सुविधा भी दी जाती है। साथ ही भर्ती प्रसूता के खान-पान पर हर दिन 100 रुपए खर्च किए जाते हैं। अस्पताल में दवाइयों से लेकर सभी तरह की सुविधा नि:शुल्क दी जाती है। इसके बावजूद जिले में करीब 195 महिलाएं लाभ से वंचित हैं।
मामले में डीपीएम जिला अस्पताल सुधांशु मिश्रा का कहना है कि खाता नंबर में गड़बड़ी होने पर ही हितग्राहियों की राशि खाता में लेट से पहुंचती है। कुछ हितग्राहियों का बैंक खाता नहीं होने की वजह से प्रोत्साहन राशि अटकी है। इसके लिए प्रसूता के पति के खाते में राशि भेजी जाएगी।
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