इसी के साथ ही विस्थापितों की समस्याओं के साथ-साथ मुआवजा वितरण, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने, मुड़वानी डैम के विकास के साथ-साथ जयंत के आस-पास बसी बस्तियों को व्यस्थित करने सिंगरौली विकास प्राधिकरण के निर्मित दीनदयाल आवासीय प्लाट के अधिग्रहण के मुआवजा आदि पर भी चर्चा की गई।
कलेक्टर ने बैठक के दौरान विस्थापितों के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों से बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाये जाने के निर्देश दिए। जिसके संबंध में एनसीएल के निर्देशक तकनीकी ने कहा कि एनसीएल एवं अन्य ओबी कंपनियों में मशीनरी बहुत भारी एवं काफी कीमती होती हैं, इसलिए अप्रशिक्षित लोगों को ऐसे स्थानों पर नहीं रखा जा सकता है। जिसके संबंध में कलेक्टर ने सुझाव दिया कि ऐसे लोगों को कंपनी एवं एनसीएल प्रशिक्षित करने के बाद काम पर रखे। ताकि जिले की बेरोजगारी दूर हो सके। जिस पर एनसीएल प्रबंधक के द्वारा सहमति जतायी गयी एवं कलेक्टर को विश्वास दिलाया गया कि एनसीएल के द्वारा जिले के बेरोजगारों को अप्रेंटिस के साथ-साथ प्रशिक्षण दिया जाकर शीघ्र कार्य दिया जायेगा।
निगमायुक्त शिवेन्द्र सिंह ने मुड़वानी डैम के विकास की प्रगति एवं सौंदर्यीकरण के लिए एनसीएल को निर्धारित राशि जमा करने के निर्देश दिये । मुड़वानी डैम के किनारे बसे हुए बैगा परिवारों के घरों को नहीं हटाये जाने का निर्णय लिया गया।
विधायक रामलल्लू बैस ने जयंत के मुआवजा वितरण में मकानों की संख्या को लेकर नाराजगी जतायी कहा कि, एनसीएल के ही अधिकारियों के द्वारा एक बार के सर्वे में अधिक मकान आये हैं एवं दूसरी बार में कम ऐसा क्यों ? जिसके संबंध में कलेक्टर ने एनसीएल प्रबंधक को निर्देश दिए कि जो मौके की स्थिति सही हो उसके अनुसार कार्य किया जाय, गलत करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही करें।
जिन एक्सप्लोसिव कंपनियों के द्वारा एनसीएल को सामग्री सप्लाई की जा रही है । एनसीएल अपने क्षेत्र में उन्हें स्थापित करने के लिए तीन कंपनियों को स्थान देे। जेपी कंपनी भी अपने क्षेत्र में स्थान दिया जाना सुनिश्चित करे।
बैठक में विधायक रामलल्लू बैस, पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल, निगमायुक्त शिवेन्द्र सिंह, एसडीएम विकास सिंह एवं एनसीएल के निर्देशक तकनीकी गुणाधर पाण्डेय एवं पीएम प्रसाद सहित विभिन्न परियोजनाओं के क्षेत्रीय प्रबंधक उपस्थित रहे।