पांच जोन और 45 वार्डों वाले नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता व सफाई कार्य के लिए एक ओर जहां 500 श्रमिकों की आवश्यकता है। वहीं दूसरी ओर उपलब्ध श्रमिकों की संख्या महज 273 है। निगम के लिए श्रमिकों की 500 संख्या शासन स्तर से स्वीकृत है। इसके बावजूद निगम को श्रमिक मुहैया नहीं हो पा रहे हैं। नतीजा नगरीय क्षेत्र के गली-मुहल्लों में योजना के अनुरूप साफ-सफाई नहीं हो पा रही है। इस स्थिति में निगम का स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे आगे रहने का ख्वाब पूरा हो पाएगा।यह मुमकिन नहीं जान पड़ रहा है। श्रमिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी का मामला शासन स्तर से मंजूरी को लेकर अटका बताया जा रहा है।तमाम कोशिश के बावजूद श्रमिकों की नियुक्ति को लेकर हरीझंडी नहीं मिल पा रही है।
कम से कम 100 श्रमिकों की दरकार
स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े निगम के अधिकारियों और निरीक्षकों की माने तो वर्तमान की संख्या के मद्देनजर कम से कम 100 श्रमिक तो जरूर चाहिए। क्योंकि 100 अतिरिक्त श्रमिक उपलब्ध नहीं हुए तो मोरवा से लेकर बैढऩ तक के सभी पांच जोन के सभी 45 वार्डों की साफ-सफाई को उच्च स्तर का कर पाना मुमकिन नहीं होगा। निगम का मैदानी अमला आवश्यकता के मद्देनजर कम से कम 100 श्रमिक उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े निगम के अधिकारियों और निरीक्षकों की माने तो वर्तमान की संख्या के मद्देनजर कम से कम 100 श्रमिक तो जरूर चाहिए। क्योंकि 100 अतिरिक्त श्रमिक उपलब्ध नहीं हुए तो मोरवा से लेकर बैढऩ तक के सभी पांच जोन के सभी 45 वार्डों की साफ-सफाई को उच्च स्तर का कर पाना मुमकिन नहीं होगा। निगम का मैदानी अमला आवश्यकता के मद्देनजर कम से कम 100 श्रमिक उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है।
श्रमिकों पर पड़ रहा काम का अधिक बोझ
आवश्यकता के मद्देनजर श्रमिकों की संख्या कम होने के चलते वर्तमान में कार्य कर रहे श्रमिकों पर कार्य का अधिक बोझ पड़ रहा है। साथ ही सर्वेक्षण के मद्देनजन योजना के अनुरूप अधिकारियों के लिए काम कर पाना मुमकिन नहीं हो रहा है। सीमित संख्या होने के बावजूद निगम के कर्मचारियों को चुनाव सहित अन्य ड्यूटी में लगा देने से स्थिति और भी गंभीर हो रही है।पिछले दो महीने से अधिक समय में दो दर्जन से अधिक श्रमिक चुनावी कार्यों में लगे हुए हैं।
आवश्यकता के मद्देनजर श्रमिकों की संख्या कम होने के चलते वर्तमान में कार्य कर रहे श्रमिकों पर कार्य का अधिक बोझ पड़ रहा है। साथ ही सर्वेक्षण के मद्देनजन योजना के अनुरूप अधिकारियों के लिए काम कर पाना मुमकिन नहीं हो रहा है। सीमित संख्या होने के बावजूद निगम के कर्मचारियों को चुनाव सहित अन्य ड्यूटी में लगा देने से स्थिति और भी गंभीर हो रही है।पिछले दो महीने से अधिक समय में दो दर्जन से अधिक श्रमिक चुनावी कार्यों में लगे हुए हैं।