उपकरण के अभाव में लाचार दिखी एसडीइआरएफ
एसडीइआरएफ की राहत बचाव टीम के पास ऑक्सीजन सहित अन्य संसाधन की कमी उस दौरान खलने लगी। जब सीवर पाइप लाइन में तीन जिंदगियों का दम घुट रहा था। टीम समय पर पहुंच गई थी मगर, रस्सी के अलावा टीम के पास कोई अन्य उपकरण नहीं था। उपकरण के अभाव में टीम लाचार रही। इसके काफी देर बाद एनटीपीसी की सीआइएसएफ को बुलाया गया। तब तक में तीनों श्रमिकों की पाइप लाइन में मौत हो चुकी थी।
बेटे का शव देखकर दहाड़ मार कर रो पड़ा वृद्ध पिता
पाइप लाइन में अंदर बेटे की लाश पड़ी थी। इधर, प्रशासन की ओर से दिखावे का आक्सीजन दिया जा रहा था। वहीं सीवर पाइप लाइन में अंदर गया बेटे को देखने के इंतजार में वृद्ध पिता सिसकियां ले रहा था। लेकिन उसके दर्द को निगम सहित प्रशासनिक अफसरों ने नहीं समझा। लापरवाही का नतीजा रहा कि श्रमिकों की मौत हो गई। शव को पाइप लाइन से बाहर निकालने के बाद तत्काल वहां से जिला अस्पताल भेज दिया गया।
बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया
केके स्पन कंपनी व निगम अफसरों की लापरवाही के चलते कन्हैयालाल यादव की तीन बच्चियां व नरेंद्र कुमार रजक के दो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। मजदूरी करके परिवार चला रहे श्रमिक की मौत की खबर घर पहुंची तो परिजन अवाक रह गए। रोते बिलखते परिजन फूट-फूटकर रो पड़े। बेहोशी हालत में परिजनों का भरण पोषण करने वाला कोई नहीं है। मां के सहारे तीन बच्चियों का भरण पोषण सहित अन्य गृहस्थी कैसे चलेगा। इस बात को लेकर परिजनों के आंसू नहीं थम रहे हैं।
कंपनी में पांच वर्ष से कार्यरत थे श्रमिक
परिजनों के मुताबिक शहर में पाइप लाइन का काम कर रही केके स्पन कंपनी में तीनों श्रमिक करीब पांच वर्ष से कार्यरत थे। लंबे समय से कार्यरत श्रमिकों को लापरवाह कंपनी की ओर से सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया था। जिसके अभाव में श्रमिक पहले से ही काम करते रहे हैं। लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर निगम के अफसर भी चुप्पी साधकर बैठे रहे। श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए निगम अफसरों ने कंपनी पर कड़ा रूख कभी नहीं अपनाया। नतीजा यह कि तीन श्रमिकों की अकाल मौत हो गई।
घंटों तक बंद रहा आवागमन
जिस दौरान सीवर पाइप लाइन में तीन जिंदगियां फंसी हुई थी। उस दौरान बैढऩ-परसौना मुख्य मार्ग स्थित माजन मोड़ व परसौना में बेरिकेट लगाकर वाहनों को रोका गया था। ताकि पाइप लाइन से शव को बाहर निकालने में कोई दिक्कत न हो। इससे माजन मोड़ व परसौना में सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। स्थिति सामान्य होने के बाद वाहनों को छोड़ा गया।
मौके पर पहुंचे कलेक्टर व एसपी
घटना की खबर लगते ही मौके पर कलेक्टर राजीव रंजन मीना व एसपी बीरेन्द्र सिंह पहुंचे। स्थिति से वाकिफ होने के बाद तत्काल एनटीपीसी की सीआइएसएफ टीम को मौके पर बुलाया गया। लेकिन राहत बचाव के लिए टीम को बुलाने में प्रशासनिक अफसरों ने बहुत देर कर दिया था।
केके स्पन कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज
श्रमिकों की मौत की घटना में निर्माण एजेंसी केके स्पन की प्रथम दृष्टया लापरवाही मानी जा रही है। एसपी बीरेन्द्र कुमार सिंह ने फरियादी राम नरेश यादव पिता अंजनी यादव निवासी चाचर की शिकायत पर केके स्पन कंपनी का साइट इंजीनियर उत्तम कुमार एवं सुपरवाइजर सलाउद्दीन खान सहित अन्य के खिलाफ आइपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए परिजनों को आश्वस्त किया है।
सीवरेज के निर्माण कार्य को लेकर लगातार उंगली उठती रही है। वर्ष की शुरुआत में यहां पहुंचे मुख्यमंत्री ने भी समीक्षा के लिए कंपनी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही नगर निगम अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वह निर्माण एजेंसी को कार्य में तेजी लाने को कहें। कंपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं लाती है तो उस पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव दें। मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद भी निर्माण एजेंसी का रवैया नहीं बदला। कंपनी को सीवरेज का कार्य मिले 4 वर्ष का समय बीत गया है। डेडलाइन खत्म हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक आधा कार्य भी पूरा नहीं हुआ है। कंपनी को 110.46 करोड़ में काम पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
निर्माण कंपनी की लापरवाही का दंश शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। वजह निर्माण एजेंसी ने सीवरेज का कार्य जहां पूरा किया गया है। वहां सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। निगम अधिकारियों की तमाम हिदायत के बावजूद एजेंसी काम पूरा होने के बाद सड़कों को दुरुस्त करने की जरूरत नहीं समझ रही है। सड़कों में दुरुस्त करने की खानापूर्ति का आलम यह है कि बारिश के बाद वर्तमान में ज्यादातर सड़कों की सूरत बदतर हो गई है।
– कचनी में सीवर पाइप लाइन सुधार का काम चल रहा था।
– साढ़े तीन बजे सीवर लाइन में पहले दो श्रमिक मरम्मत करने अंदर उतरे।
– करीब 15 मिनट के बाद उनका कोई लोकेशन नहीं मिला।
– फिर तीसरा श्रमिक भी सीवर लाइन में नीचे उतरा।
– तीसरे श्रमिक को भी अंदर सीवर लाइन में उतरे काफी देर हो गया।
– श्रमिकों को सीवर लाइन में अंदर जाने की सूचना एएसपी को दी गई।
– इसके बाद एसडीएम, निगम अधिकारी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
– शाम के 4 बजे पूरा अमला मौके पर मौजूद था।
– सवा 4 बजे एंबुलेंस पहुंची और ऑक्सीजन सिलेंडर से पाइप लगाकर ***** में ऑक्सीजन देना शुरू किया गया।
– 4.45 बजे घटनास्थल पर कलेक्टर पहुंचकर स्थिति से वाकिफ हुए।
– इसके बाद एनटीपीसी सीआइएसएफ रेस्क्यू टीम को बुलाया गया।
– 5.08 बजे सीआइएसएफ की टीम कचनी घटनास्थल पर पहुंची।
– 5.15 बजे सीवर पाइप लाइन से पहला शव इंद्रभान सिंह का बाहर निकाला गया।
– इसके बाद कन्हैयाला यादव फिर नरेन्द्र कुमार रजक का शव बाहर निकाला।
बता दें कि बीते वर्ष नवंबर महीने में धनतेरस के दिन कचनी के मौहरिया टोला में सीवरेज पाइप लाइन में कार्य के दौरान श्रमिक सुधीर शर्मा पिता खिरोधन शर्मा उम्र 20 वर्ष निवासी भटवा बिलौंजी करीब 15 फीट गहरे में काम कर रहा था। इसी दौरान मिट्टी का मलबा उसके ऊपर धसक गया। जिससे उसकी मौत हो गई थी। सीवर लाइन में यह दूसरी बड़ी घटना है। जिसमें तीन और श्रमिकों की अकाल मौत हो गई।
कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने बताया है श्रमिकों को बीना कंपनी की ओर से जो भी सहायता राशि होगी वह पीडि़त परिवार को मिलेगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि श्रमिकों के परिजनों को दी जाएगी। वहीं केके स्पन कंपनी प्रबंधन की ओर से पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता राशि देने के लिए कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिया है।