हजारों की संख्या में पहुंचे टिड्डियों को आगे के लिए रवाना करने में कलेक्टर केवीएस चौधरी के निर्देश और कृषि विभाग के उप संचालक आशीष पाण्डेय के नेतृत्व में सक्रिय दल की भूमिका महत्वपूर्ण रही। टिड्डियों के अब वापस लौटने की संभावना नहीं के बराबर कर है।
टिड्डी दल को भगाने की जिम्मेदारी में लगे अधिकारियों के मुताबिक टिड्डियों का हजारों की संख्या में टिड्डियों का समूह बुधवार को सुबह ही सीधी से उड़कर चितरंगी की ओर से यहां जिले की सीमा में प्रवेश कर गया। टिड्डी दल के जिले में प्रवेश करते ही अधिकारियों सहित ग्रामीणों का समूह सक्रिय हो गया।
अधिकारी जहां पूर्व से की गई तैयारी के अनुरूप वाहन में लगे सायरन को बजाना शुरू कर दिया। वहीं ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ हल्ला मचाना शुरू किया। इसका नतीजा यह रहा कि टिड्डी दल खैरपुर, छतैनी, बिछी, बगदरा व कोलवार होते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गया। टिड्डी दल के जिले की सीमा से बाहर निकल कर आगे बढ़ जाने पर अधिकारियों के साथ किसानों ने राहत की सांस ली।
सीमा पार दो दल में विभाजित हो गया टिड्डियों का समूह
अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने के बाद टिड्डियों का दल दो समूहों का विभाजित हो गया। बताया गया कि एक दल उत्तरप्रदेश के उत्तरी दिशा की ओर और दूसरा दल पूर्वी दिशा की ओर निकल गया। बताया गया कि तेज हवा के चलते दल दो समूहों में बंटा। हवा तेज थी। यही वजह रहा कि टिड्डियों के समूह ने यहां बैठने की कोशिश भी नहीं की।
वापस लौटने की अब उम्मीद नहीं के बराबर
अधिकारियों के मुताबिक टिड्डी दल के अब वापस लौटने की उम्मीद नहीं है। क्योंकि यह समूह आगे ही बढ़ता है। हां, दल की रूख के विपरीत तेज हवा चली तो दोबारा जरूर पहुंच सकता है। हालांकि इसकी संभावना अब नहीं के बराबर है। फिर भी अधिकारियों का कहना है कि वह दोबारा लौटने की स्थिति के मद्देनजर भी तैयार है। दोबारा आने पर भी टिड्डियों को यहां बैठने नहीं दिया जाएगा।