जानकारी के लिए बताते चलें कि आदेश के बाद शुरुआती दौर में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिला, लेकिन उसके बाद चुनाव का हलावा देते हुए साप्ताहिक अवकाश रद्द कर दिए गए।अब हालात यह हैं कि अवकाश नहीं मिलने से पुराने ढर्रे पर पुलिस ड्यूटी करने को मजूबर है। जिससे पुलिसकर्मी न तो परिवार को समय दे पा रहे हैं और न ही तनाव मुक्त हो रहे हैं। जिसके चलते पुलिसकर्मी भी परेशान हैं।
जिलेभर में 12 सौ पुलिस बल
जिले में करीब 12 सौ पुलिस बल तैनात हैं। तनाव, लगातार ड्यूटी, अनियमित दिनचर्या व काम का बोझ देखते हुए थाने के स्टाफ को साप्ताहिक अवकाश की सबसे ज्यादा जरूरत है। जिले में आरक्षक, प्रधान आरक्षक व एएसआई सहित अन्य स्तर के ज्यादातर पद खाली भी पड़े हैं। यही स्टाफ मैदानी अमला का काम करता है। जिससे उन्हें अवकाश नहीं मिल पा रहा है। लगातार काम करने के चलते इनमें स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हो रही हैं।
जिले में करीब 12 सौ पुलिस बल तैनात हैं। तनाव, लगातार ड्यूटी, अनियमित दिनचर्या व काम का बोझ देखते हुए थाने के स्टाफ को साप्ताहिक अवकाश की सबसे ज्यादा जरूरत है। जिले में आरक्षक, प्रधान आरक्षक व एएसआई सहित अन्य स्तर के ज्यादातर पद खाली भी पड़े हैं। यही स्टाफ मैदानी अमला का काम करता है। जिससे उन्हें अवकाश नहीं मिल पा रहा है। लगातार काम करने के चलते इनमें स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हो रही हैं।
बीमार है पुलिस बल
जिले में तैनात पुलिस कर्मियों में ज्यादातर हार्टअटैक, डायबिटीज व लिवर संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं। यह भी सामने आया कि बिना आराम लगातार ड्यूटी के चलते उनमें कई तरह की परेशानी बढ़ रही है। अनियमित खान-पान व दिनचर्या के चलते डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ज्यादातर पुलिसकर्मी हो रहे हैं। साप्ताहिक अवकाश मिलने पर उन्हें बीमारी का इलाज सहित आराम करने का मौका मिलता था। जिससे उन्हें सहूलियत की आस जगी थी।
जिले में तैनात पुलिस कर्मियों में ज्यादातर हार्टअटैक, डायबिटीज व लिवर संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं। यह भी सामने आया कि बिना आराम लगातार ड्यूटी के चलते उनमें कई तरह की परेशानी बढ़ रही है। अनियमित खान-पान व दिनचर्या के चलते डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ज्यादातर पुलिसकर्मी हो रहे हैं। साप्ताहिक अवकाश मिलने पर उन्हें बीमारी का इलाज सहित आराम करने का मौका मिलता था। जिससे उन्हें सहूलियत की आस जगी थी।
चुनाव के बाद मिलना था अवकाश
थाने में पदस्थ पुलिस जवानों को मिलने वाले साप्ताहिक अवकाश पर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही रोक लग गई थी। चुनाव खत्म होने के बाद थाने के रोस्टर सिस्टम के तहत अवकाश मिलना था, लेकिन पुलिस थानों में स्टाफ की कमी के चलते पुलिस कर्मियों को अवकाश नहीं मिल रहा है। जबकि कई पुलिस कर्मी आस लगाए है कि जल्द उन्हें साप्ताहिक अवकाश मिलना शुरू हो जाएगा और परिवार के साथ छुट्टी बिता सके।
थाने में पदस्थ पुलिस जवानों को मिलने वाले साप्ताहिक अवकाश पर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही रोक लग गई थी। चुनाव खत्म होने के बाद थाने के रोस्टर सिस्टम के तहत अवकाश मिलना था, लेकिन पुलिस थानों में स्टाफ की कमी के चलते पुलिस कर्मियों को अवकाश नहीं मिल रहा है। जबकि कई पुलिस कर्मी आस लगाए है कि जल्द उन्हें साप्ताहिक अवकाश मिलना शुरू हो जाएगा और परिवार के साथ छुट्टी बिता सके।