जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश नलजल योजनाएं विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते बंद पड़ी हैं। जिन्हें चालू कराने का प्रयास भी नहीं किए गए हैं। कहने को तो बड़ी संख्या में हैंडपंप स्थापित है। इनमें से 50 फीसदी हैंडपंप विभिन्न कारणों सहित तकनीकी रूप से बंद पड़े हैं।
क्रिटिकल श्रेणी में बैढऩ ब्लाक के मझौली, परसदेही, लामीदह, पिडऱवाह, ठुरुआ, सोलंग, अमहरा, ढोंढ़ीटोला, सूईडीह को शामिल किया गया है। वहीं देवसर ब्लाक के परासी, हरदी, निवास, धौहनी, खंदौली, चटनिहां, मझिगवां सहित चितरंगी ब्लाक से खम्हारडिह, बहेरी, नेवारी, कुलकवार, करौंदिया, रेही, बकिया, नैकहवा, गोपला व मटिहनी गांव को क्रिटिकल श्रेणी में लाया गया है। विभाग की लापरवाही के चलते यहां की जनता आने वाले दिनों में पानी के लिए कसरत करेगी।
ब्लाक गांवों की संख्या
बैढऩ – 10
चितरंगी – 11
देवसर – 08
मार्च महीने में भू-जलस्तर में अंतर:
ब्लाक पिछले साल वर्तमान में
बैढऩ 21 मीटर 23 मीटर
देवसर 20 मीटर 22 मीटर
चितरंगी 24 मीटर 25 मीटर
फैक्ट फाइल:
जिलेभर में कुल हैंडपंप – 12629
तकनीकी रूप से बंद पड़े – 250
जिलेभर में नलजल योजनाएं – 122
बंद पड़़ी नलजल योजनाएं – 15