कलेक्टर ने बैठक के प्रारंभ में कोविड टीकाकरण के दूसरे डोज के प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिस टीकाकरण केंद्र मे लक्ष्य के अनुरूप टीकाकरण नहीं किया गया है। वहां आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहायिका को कारण बताओ नोटिस जारी करें। यदि कार्य संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो इन्हें पद पृथक करने की कार्यवाही करें।
कलेक्टर ने प्रति दिवस के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए निर्देश दिए कि लक्ष्य के अनुसार प्रति दिवस दूसरे डोज का टीकाकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएं। उन्होंने अनमोल पोर्टल पर दर्ज किए गए कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि लक्ष्य अनुसार पोर्टल मे इंट्री दर्ज नहीं की गई। उन्होंने निर्देश दिया कि जिस सेक्टर की प्रगति कम है।
सेक्टर अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करें। उन्होंने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को शून्य करने के लिए सभी सेक्टरों में तैनात एएनएम आशा कार्यकर्ताओं को लगातार भ्रमण कर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का परीक्षण कर आयरन टेबलेट प्रदान करने के निर्देश दिया। जिले में सिर्फ संस्थागत प्रसव कराएं। समीक्षा बैठक के दौरान अनमोल पोर्टल में प्रगति कम दर्ज करने पर मोरवा स्वास्थ्य विभाग के सेक्टर सुपरवाइजर एवं संबंधित क्षेत्र के मेडिकल अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिया।
इसके अलावा देवसर ब्लाक के बीसीएम द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने पर उनको संविदा नियुक्ति से पृथक करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रसव पश्चात दी जाने वाले प्रसूती सहायता राशि का समय से लाभ दिया जाए। लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाए। कलेक्टर ने बैठक मे उपस्थित बीएमओ को इस आशय के निर्देश दिए कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओ के प्रगति मे किसी भी प्रकार की कमी मिलने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराए जाने के संबंध मे जानकारी ली। जिसके तहत ब्लाक में एनआरसी भर्ती कुपोषित बच्चों की जानकारी न्यूनतम पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई। वहीं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना एवं लाडली लक्ष्मी योजना सहित कोविड वैक्सीनेशन के कार्य मे लापरवाही बरतने पर महिला बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर चितरंगी क्रमांक-1 कुलकवार एवं दुधमनिया के सुपरवाइजरों का एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए।
परियोजना अधिकारी को लगाई फटकार
कलेक्टर ने बैठक मे उपस्थित महिला बाल विकास विभाग के सभी परियोजना अधिकारियों को एनआरसी में कुपोषित बच्चो की कम भर्ती कराए जाने पर कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि एनआरसी में निर्धारित बेड के अनुसार कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नवंबर 2021 तक जिले को कुपोषण मुक्त किए जाने के लिए शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आगामी समीक्षा बैठक तक शत प्रतिशत उपलब्धियां प्राप्त किया जाना सुनिश्चित कराएं।