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सिंगरौली

10 माह से भृत्यों और शिक्षकों का नहीं मिला वेतन

2017 में विशेष तौर पर आदिवासी कोटे से की गई थी भृत्यों की भर्ती, बालक उच्चतर माध्यमिक बैढऩ, बरगवां, झगरौंहा एवं देवसर डीडीओ का मामला

सिंगरौलीAug 06, 2018 / 01:09 pm

Vedmani Dwivedi

Teachers did not get salaries

Teachers did not get salaries

सिंगरौली. प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के वेतन में थोड़ी देरी हो जाए तो विभाग में खलबली मच जाती है। लेकिन भृत्य एवं शिक्षकों के मामले में ऐसा नहीं हैं। इसी विभाग में पदस्थ भृत्य पिछले 10 माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं।

इसी प्रकार करीब 30 से ज्यादा शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें 2017 का वेतन नहीं मिला है। इसके बावजूद विभाग में कोई हलचल नहीं है। भृत्यों ने इस संबंध में कई बार संकुल प्राचार्य से लेकर डीइओ तक शिकायत की लेकिन उनका वेतन जारी नहीं हो पाया। दरअसल डीइओ, बीइओ एवं संकुल प्राचार्य ने संबंधित लिपिक को वेतन जनरेट करने के निर्देश दिए लेकिन लिपिकों ने उनकी एक नहीं सुनी।

समस्या जस की तस आज भी बनी हुई है। हालत यह है कि भृत्य उधार लेकर अपना दैनिक खर्च वहन रहे हैं।

इन भृत्यों को 10 महीने से नहीं मिला वेतन
शिक्षा विभाग में आदिवासी भृत्यों को 2017 में पदस्थापना की गई। बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैढऩ, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झगरौंहा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरगवां एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक – एक आदिवासी लिपिक की पदस्थापना की गई।

बालक बैढऩ में वीरेन्द्र बैगा की पदस्थापना भृत्य के पद पर हुई। लेकिन उसे 10 महीने गुजर जाने के बाद भी वेतन नहीं मिला। यहां के संकुल प्राचार्य ओपी शर्मा हैं। डीडीओ से संबंधित लिपिकीय कार्य अब्दुल सिद्दीकी देखता है। अब्दुल सिद्दीकी ने वीरेन्द्र बैगा का वेतन बिल जनरेट नहीं किया। संकुल प्राचार्य भी विशेष रुचि नहीं दिखाया। जिसकी वजह से वीरेन्द्र बैगा का अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है।

बरगवां एवं झगरौंहा में भी यही लापरवाही
इसी प्रकार झगरौंहा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भृत्य पद पर राजकुमारी बैगा पदस्थ हैं। इन्हें भी पिछले 10 माह से वेतन नहीं मिला है। बैढऩ की तरह ही बरगवां में भी लिपिक की मनमानी की वजह से इनका वेतन नहीं मिल पा रहा है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरगवां में पदस्थ भृत्य गणेश बैगा का भी वेतन 10 माह बाद भी नहीं मिल पाया है। जबकि डीइओ कार्यालय में पदस्थ भृत्य रमेश बैगा को वेतन मिल गया है।

25 शिक्षकों का 2017 का नहीं मिला है वेतन
विकास खण्ड देवसर अंतर्गत करीब 30 ऐसे शिक्षक हैं जिनका 2017 का वेतन अभी तक नहीं मिल पाया है। इस संबंध में शिक्षकों ने एसडीएम एवं शिक्षा अधिकारियों से शिकायत की लेकिन उन्हें धौस दिखाकर चुप करा दिया गया। इनका वेनत ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जारी करते हैं।

संकुल उत्कृष्ट विद्यालय देवसर हैं। उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य अपने यहां से सभी प्रक्रिया पूरी होने की बात कह रहे हैं वहीं बीइओ शिव सिंह सेंगर इसमें प्राचार्य यूएन सिंह की गलती बता रहे हैं। अब चाहे हकीकत में गलती जिसकी भी हो लेकिन शिक्षक का वेतन नहीं मिला है।

कुछ शिक्षकों को जुलाई 2017 का वेतन नहीं मिला है। तो कुछ शिक्षकों का सितंबर , अक्टूबर 2017 का। जिन शिक्षकों का वेतन नहीं मिला है उनमें आमो स्कूल में पदस्थ वनस्पति वैश्य, बम्हनी स्कूल में पदस्थ जय प्रसाद वैश्य, पूर्वा स्कूल में पदस्थ भगवती प्रसाद द्विवेदी, बहेरवाडांड में पदस्थ शंभू प्रसाद चौबे, हायर सेकंडरी खडौरा में पदस्थ मेहदी हुसैन सहित कुल 35 शिक्षकों का वेतन नहीं मिल पाया है।

एरियस के लिए भटक रही शिक्षिका
पचखोरा में पदस्थ शिक्षका कुसुम दुबे का एरियस का भुगतान नहीं हो पाया है। शिक्षका ने 24 मार्च को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत किया है। उसने बताया कि उसका क्रमोन्नति हुआ है। लेकिन क्रमोन्नति का वेतन भुगतान आज तक नहीं हुआ। शिक्षकों की समस्या निराकरण के लिए अगस्त में ब्लॉक बैढऩ सहित देवसर एवं चितरंगी में शिविर लगाया गया था।

शिविर लगाने का उद्देश्य यह था कि शिक्षकों को अपनी विभागीय समस्या के लिए कार्यालयो के चक्कर न लगाना पड़े। लेकिन इसका कोई खास लाभ नहीं हुआ। शिक्षक अपनी समस्या से जूझ रहे हैं।

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