अगर कहीं लगी आग तो सब कुछ स्वाहा होने में नहीं लगेगी देर
लगी आग पर काबू पाने नहीं है कोई ठोस व्यवस्था
फायर ब्रिगेड के बड़े वाहनों का गलियों में पहुंच
पाना संभव नहीं

सिंगरौली. गर्मी का मौसम सिर पर है। धीरे-धीरे तापमान बढऩे लगा है, लेकिन आग की घटनाओं के मद्देनजर इस बार भी कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है। हाल यह है कि आग लगने पर पूर्व की भांति इस गर्मी में भी भारी नुकसान होने का सिलसिला जारी रहेगा। शहर की तंग गलियों में भारी संख्या में खुले होटल व रेस्तरां और घटना को रोकने अपर्याप्त व्यवस्था कुछ ऐसा ही बयां कर रही है।
नहीं हैं वाहन
दरअसल आग लगने की स्थिति में मोर्चा संभालने वाले फायर ब्रिगेड के पास ऐसे वाहन नहीं हैं, जो तंग गलियों में पहुंचकर आग पर काबू पा सकें। ऐसे में घटना होने की स्थिति में संबंधित स्थान के अलावा आस-पास के लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। शहर की दर्जन भर से अधिक तंग गलियों में हर पल खतरा मंडरा रहा है। तंग गलियों के अलावा भी बीच सड़क नीचे तक झूलते बिजली के तार भी घटनाओं के वक्त राहत पहुंचाने के लिए मौके पर पहुंचने के लिए रवाना हुई फायर ब्रिगेड के वाहनों की राह में रोड़ा बनते हैं। निर्धारित प्रावधानों के तहत निगम और बिजली विभाग के अफसर शहरी क्षेत्र का मुआयना कर यह देखते हैं कि आग की घटना होने पर स्थिति काबू में हो जाएगी या नहीं, मुआयना के जरिए अव्यवस्थाओं को चिह्नित कर उन्हें दूर करने का कार्य किया जाता है, लेकिन अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात तो दूर अभी तक अधिकारियों ने वस्तुस्थिति का जायजा लेने तक की जरूरत नहीं समझी है, जबकि शहर के ज्यादातर गली मुहल्लों में बिजली के तारों का जाल बिछा हुआ है।
हर पल रहा है शॉर्ट सर्किट का खतरा
शहर में तुलसी मार्ग व काली मंदिर रोड जैसे कई बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ बनी रहती है। कपड़ा से लेकर अन्य कई तरह के प्रतिष्ठान इस सड़क पर हैं। शहर के व्यस्त गलियों में दोनो तरफ सटे हुए दुकान देखने को मिलेंगे। सड़क की चौड़ाई मुश्किल से लगभग सात मीटर होगी। दोनों तरफ दुकानदारों ने दुकान सजाकर सड़क पर कब्जा कर लिया हैं। वहीं बिजली के तार भी काफी नजदीक में झूल रहे हैं। इससे कभी भी शार्ट सर्किट से आग लगने की घटना घटित हो सकती है। गत वर्षों में कई बार यहां आग लगने की बड़ी घटना हो चुकी है।
होटल संचालकों को भी दे रखा है अभयदान
शहर में कई ऐसे होटल संचालित हो रहे हैं जहां आग की घटना होने पर दमकल वाहन नहीं पहुंच सकती। हैरत तो यह है कि इन होटलों में आग बुझाने के यंत्र भी महज दिखावे के लिए लगाए गए हैं। गर्मी आने से पहले निगम प्रशासन आग से बचने का समुचित इंतजाम करने का दावा करता है लेकिन इस बार अभी तक अधिकारियों ने होटलों के पड़ताल की भी जरूरत नहीं समझी है। निगम अधिकारियों ने होटल व रेस्तरां संचालकों को भी अभयदान दे रखा है।
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