फरियादी पतिराज साहू ने बताया कि आसपास के गांव के बदमाशों ने चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए योजना पहले से बना लिया था। हर रोज की तरह घर के सदस्यों ने रात करीब १२ बजे बिस्तर पर चले गए। फिर करीब दो बजे आसपास बदमाशों ने दो घरों में धावा बोलकर चांदी का पायल, झुमका, हाफ सेट, लंबा हार, दस नग लॉकेट, छागल, मेंहदी सहित पचास हजार रुपए नकदी ले उड़े। शातिराना अंदाज में बदमाशों ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
गस्त में दिखानी होगी सक्रियता
शाम होते ही थानों के पुलिस बल को गस्त का प्वाइंट ड्यूटी के लिए बताया जाता है। मगर, हकीकत यह है कि इन दिनों पुलिस का गस्त ढीला पड़ गया है। जिससे शहर सहित ग्रामीण अंचल में बदमाश चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। एक तरफ पुलिस गस्त करती रहती है, वहीं दूसरी ओर बदमाश घर व दुकानों को खंगालते रहते हैं लेकिन गस्त कर रही पुलिस को इसकी भनक नहीं लगती है। पुलिस गस्त को लेकर नए कप्तान को सक्रियता दिखानी होगी।
शहर में देखा जाए तो हर दूसरे दिन बदमाश चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि शहरी क्षेत्र में पुलिस चोरी की वारदातों का रिपोर्ट तक नहीं लिखती है। जिसका नतीजा यह है कि बदमाश पुन: वारदात को दोहराते हैं। जबकि शहरी क्षेत्र में पुलिस लगातार गस्त करती रहती है। इसके बावजूद बेखौफ होकर चोरी की वारदात को अंजाम देना पुलिस के गस्त पर सवाल खड़ा करता है।