हृदय विदारक इस घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। अपने ननिहाल आई दिव्या नानी के साथ में नहाने गई थी। मासूम बच्ची की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बूरा हाल हो गया है। एक ही घर में दो लोगों की मौत हो जाने से परिजन बेहोशी हालत में हो गए हैं। वहीं मासूम बच्ची की मां उसके शव से लिपटकर रोने लगी।
सोन अभ्यारण्य होने की वजह से गोपद नदी के किनारे अधिक संख्या में मगरमच्छ होना बताए गए। हर रोज पानी से निकलकर नदी के किनारे आ जाते हैं जिस वजह से स्थानीय ग्रामीणों में मगरमच्छों की दहशत रहती है। अधेड़ महिला व मासूम के डूब जाने के बाद शव का तलाश करने के लिए नदी में मगरमच्छों के डर के चलते शव ढू्ंढऩे में परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पुलिस व गोताखोर नदी में जाल डालकर बालिका के सुराग लगाने का घंटो तक प्रयास करते रहे। अंतत: गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद बालिका का शव बरामद कर लिया। इसके बाद मौके पर कोहराम मच गया।
गोपद नदी में पोती व नानी की हुई जल समाधि में शव को बरामद करने के लिए आखिरकार पुलिस ने गोताखोरों की मदद ली। जिसमें देवसर के बभनी गांव निवासी बच्छलाल केवट, झोखों निवासी लखपति केवट व खुरमुचा निवासी रामचन्द्र केवट ने मगरमच्छों के खतरे को भी नजरअंदाज कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए घंटों कड़ी मशक्कत करते हुए नौ घंटे तक नदी में तलाश करते रहे। इसके बाद गोताखोरों को सफलता मिली।