जल संसाधन विभाग के अधिकारी सूत्रों की ओर से बताया गया कि रबी सीजन में काचन परियोजना के अधीन लगभग 32 से 35 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई कराए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अनुसार ही इतने क्षेत्र में बुवाई में देरी को टालने के लिए सोमवार से परियोजना की दोनों नहरों में पानी चलाया गया है। दोनों नहरों को बांध से लगभग सौ क्यूसेक पानी दिया जा रहा है ताकि किसान समय पर पलेवा में पानी का उपयोग कर सकें। संकेत है कि परियोजना के अधिकतम क्षेत्र में बुवाई कराने के लिए नौगढ़ व खुटार वितरिका में लगभग दस दिन पानी चलाया जाएगा।
विभाग का अनुमान है कि काचन बांध में उपलब्ध पानी से रबी सीजन में परियोजना के लगभग ३५ सौ हेक्टेयर में गेहूं की फसल को पकने तक पानी दिया जा सकेगा। बताया गया कि बांध में मौजूदा जल से किसानों को पलेवा के अलावा दो बार और सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकेगा। इस प्रकार रबी सीजन में गेहूं के लिए काचन परियोजना के किसानों को तीन बार सिंचाई का लाभ मिल सकेगा। इसी प्रकार रविवार से बसोरा जलाशय से भी खेतों में पलेवा के लिए पानी छोड़ दिया गया है। बताया गया कि वहां परियोजना क्षेत्र के किसानों की मांग पूरी होने तक नहर में पानी चलाया जाएगा।