बताया गया कि जिले को हाल में 16 अगस्त को रीवा से तीन सौ टन यूरिया खाद की अतिरिक्त डिलीवरी मिली। वहां नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के फूलपुर यूपी प्लांट से यूरिया खाद का एक रैक 14 अगस्त को पहुंचा था। इस रैक में सिंगरौली सहित अन्य जिलों की मांग के अनुपात में यूरिया रीवा पहुंची। इसी रैक में पहुंची कुल यूरिया में से तीन सौ टन की खेप सिंगरौली जिले को आवंटित की गई। शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर स्थित गोदाम में इस खेप में मिली यूरिया का भंडारण करा दिया गया। अब इस खेप के बाद जिले में सहकारिता विभाग के पास खरीफ के इस सीजन में उपयोग के लिए 2814 टन मात्रा में यूरिया उपलब्ध है। यह पूरे सीजन में अनुमानित मांग से अधिक है। इसलिए यूरिया की यह अंतिम खेप हाथ आने के बाद सहकारिता विभाग व प्रशासनिक अमला राहत महसूस कर रहा है।
समितियों को भेज दी गई 2066 टन यूरिया
बताया गया कि सहकारिता विभाग के केन्द्रीय गोदाम में कुल में से 748 टन यूरिया का भंडारण किया गया है जबकि शेष 2066 टन खाद पहले ही ग्राम सेवा समितियों के कार्यालय तक पहुंचा दी गई है। इस प्रकार माना जा रहा है कि अनुमानित मांग से अधिक भंडारण होने के कारण अब खरीफ के पूरे सीजन में जिले में कहीं भी यूरिया खाद की कमी नहीं रहेगी। इसके साथ ही सहकारिता विभाग व प्रशासन की आेर से मांग के साथ ही किसानों को उनकी करीबी ग्राम सेवा सहकारी समिति में ही यूरिया उपलब्ध होने की व्यवस्था की गई है।
बताया गया कि सहकारिता विभाग के केन्द्रीय गोदाम में कुल में से 748 टन यूरिया का भंडारण किया गया है जबकि शेष 2066 टन खाद पहले ही ग्राम सेवा समितियों के कार्यालय तक पहुंचा दी गई है। इस प्रकार माना जा रहा है कि अनुमानित मांग से अधिक भंडारण होने के कारण अब खरीफ के पूरे सीजन में जिले में कहीं भी यूरिया खाद की कमी नहीं रहेगी। इसके साथ ही सहकारिता विभाग व प्रशासन की आेर से मांग के साथ ही किसानों को उनकी करीबी ग्राम सेवा सहकारी समिति में ही यूरिया उपलब्ध होने की व्यवस्था की गई है।
2500 टन यूरिया के खपत का अनुमान
कुछ दिनों बाद किसानों को धान व अन्य फसलों में यूरिया की जरूरत होगी। इसलिए सभी ग्राम सेवा समितियों के गोदाम में इसका पर्याप्त भंडारण कर दिया गया है ताकि सीजन में खाद को लेकर किसी भी तरह के झंझट से बचा जा सके। खरीफ के चालू सीजन में जिले में धान व अन्य फसलों में लगभग 25 सौ टन यूरिया की खपत होने का अनुमान लगाया गया है। इसके मुकाबले हाल में अंतिम खेप को मिलाकर जिले में 2814 टन खाद का भंडारण हो गया है। माना जा रहा है कि इससे किसान को सीजन में खाद को लेकर कोई शिकायत नहीं रहेगी और सरकारी अमला राहत में होगा।
कुछ दिनों बाद किसानों को धान व अन्य फसलों में यूरिया की जरूरत होगी। इसलिए सभी ग्राम सेवा समितियों के गोदाम में इसका पर्याप्त भंडारण कर दिया गया है ताकि सीजन में खाद को लेकर किसी भी तरह के झंझट से बचा जा सके। खरीफ के चालू सीजन में जिले में धान व अन्य फसलों में लगभग 25 सौ टन यूरिया की खपत होने का अनुमान लगाया गया है। इसके मुकाबले हाल में अंतिम खेप को मिलाकर जिले में 2814 टन खाद का भंडारण हो गया है। माना जा रहा है कि इससे किसान को सीजन में खाद को लेकर कोई शिकायत नहीं रहेगी और सरकारी अमला राहत में होगा।