फिलहाल अब सभी पर कार्रवाई की तैयारी है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में सामुदायिक स्वच्छता परिसर, वित्त आयोग के बजट, कुआं निर्माण, पौधरोपण, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन, कुसुम वर्क, डीएमएफ बजट के कार्य, फॉर्म तालाब जैसे कार्यों को पूरा नहीं किया जा सका है।
सामुदायिक स्वच्छता परिसर का कार्य तो अभी शुरू ही नहीं हो पाया है। जिले भर में 200 स्वच्छता परिसर तैयार किया जाना है। जबकि इनमें से ज्यादातर कार्य अभी लक्ष्य के अनुरूप पूरे नहीं किए जा सके हैं। यही वजह है कि सीइओ जिला पंचायत की ओर से कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।
खुद जिला पंचायत के अधिकारी यह स्वीकार कर रहे हैं कि मैदानी अमले की लापरवाही के चलते सामुदायिक स्वच्छता परिसर का कार्य अभी शुरू ही नहीं हो पाया है। इसके अलावा दूसरे कार्यों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। इसके पीछे ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक के अलावा यंत्रियों व उपयंत्रियों की लापरवाही मानी जा रही है। यही वजह है कि सीइओ जिला पंचायत ने इन सभी को नोटिस जारी किया है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी साकेत मालवीय ने सरपंच, सचिव व रोजगार सहित 200 से अधिक लोक सेवकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने का कहा है। कार्यालय सूत्रों की माने तो नोटिस के जवाब के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अर्थदंड, वेतन कटौती व वेतन वृद्धि रोकने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है।
दो योजना का खर्च नहीं कर पा रहे बजट
काम शुरू कर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए वित्त आयोग से 64.8 करोड़ रुपए का बजट जारी हुआ है, लेकिन उसमें से केवल 17.33 करोड़ का प्रयोग हो पाया है। इसी प्रकार डीएमएफ के तहत स्वीकृत कार्यों के लिए 269.37 करोड़ रुपए का बजट जारी है, लेकिन उसमें से 56.73 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए हैं।