श्रमिक वर्ग के हाथों को उनके गांव व आस-पास में ही काम मिले।इस उद्देश्य से शुरू की गई मनरेगा की योजना यहां जिले में फ्लॉप साबित हो रही है। निर्धारित लक्ष्य से अधिकारियों का कोसों दूर रहना वस्तुस्थिति को बयां करने के लिए पर्याप्त साबित हो रहा है।जिले में मनरेगा के तहत 29.32 लाख का लक्षित लेबर बजट निर्धारित किया गया था।उसकी तुलना में अधिकारी अभी महज 65.01 फीसदी लक्ष्य पूरा कर सके हैं। उनका दावा जिले भर में 19.06 लाख अर्जित मानव दिवस का है।जिले में देवसर की स्थिति थोड़ा संतोषजक है। लक्ष्य की तुलना में उपलब्धि का आंकड़ा वहां 75.20 फीसदी है। जबकि सबसे खराब स्थिति बैढऩ की है। वहां की उपलब्धि महज 54.96 फीसदी है।
11683 कार्य प्रगति पर होने का दावा
मनरेगा में श्रमिकों को काम देने का यह हाल तब है, जबकि अधिकारियों का दावा है कि जिले में वर्तमान में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 11683 फीसदी कार्य प्रगति पर हैं। सबसे अधिक कार्य चितरंगी जनपद में चल रहा है। वहां 5521 कार्य चल रहे हैं। जबकि देवसर में 3806 व बैढऩ में 2356 कार्य प्रगति पर हैं।
जल्द बेहतर होगी स्थिति
श्रमिकों को काम देने के मामले में जिला पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही जिले में मेड़ बंधान, तालाब, कपिलधारा व कूप से संबंधित कार्य शुरू होगा। वर्तमान में जारी कार्य भी प्रगति पर रहेंगे।ऐसे में श्रमिकों को भरपूर कार्य मिलेगा। अब देखना यह है कि कार्य कब शुरू होते हैं।