तालाब पेटे से निकाले गए कचरे में अधिकांश सामग्री पूजन की थी। इसमें चुनरी, नारियल, भगवान की प्रतिमाओं सहित अन्य सामग्री निकाली गई। सफाई अभियान के दौरान कांच की बोतलें, प्लास्टिक की थैलियां सहित अन्य वस्तुएं भी निकाली गईं।
शहर समेत जिलेभर में ज्यादातर तालाबों में प्रदूषण का बड़ा कारण प्रतिमाओं का विसर्जन करना भी है। तालाबों में छोटी से बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। हर साल गणेश महोत्सव व नवरात्र के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। प्रतिमाओं के निर्माण में ऑयल पेंट, केरोसिन, तारपीन तेल, प्लास्टिक, लकड़ी, प्लास्टर ऑफ पेरिस, बांस का उपयोग होता है। इनसे पानी प्रदूषित हो जाता है। जलीय जीवों की संख्या भी कम होती है।
नगर परिषद सभापति ताराराम माली, उपसभापति धनपतसिंह राठौड़, नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी, पार्षद जितेन्द्र सिंघी, समाजसेवी रघुभाई माली, प्रकाश प्रजापति, तगसिंह राजपुरोहित, सांई सेवा संस्थान अध्यक्ष विजय त्रिवेदी, महिला चेतना मंच की रतन बाफना, चौधरी समाज छात्रावास के नारणाराम चौधरी, पतंजलि योग समिति के भीखसिंह भाटी, राजेन्द्रसिंह नरूका, रमेश गोमतीवाल, मगनलाल माली, गायत्री परिवार के हरीश खण्डेलवाल, संजय वर्मा, हिमांशु माली, कमलेश, गणपतसिंह देवड़ा, विक्रमसिंह, गोशाला के प्रकाश माली, कुंदन सोनी, सज्जनसिंह राजपुरोहित, मगनलाल, चिराग, वागाराम, इन्दर डांगी, हंसमुख भाई, मीठालाल परमार, स्काउट के रमेश बामणिया, शिक्षक गोपालसिंह राव, रूपाराम खत्री आदि मौजूद थे। पूरी बाई पूनमाजी माली चेरिटेबल ट्रस्ट, माली वेलफेयर सोसायटी, जल ही जीवन है वॉट्सएप ग्रुप के लोग भी श्रमदान में भागीदार बने।