सिरोही

राजस्थान में यहां मिल जाती है 150 रुपए में बेहतरीन साड़ी, उपलब्ध है 2500 से पौने दो लाख रुपए तक का लहंगा

सिरोही जिले के शिवगंज शहर का वस्त्र व्यापार केवल राजस्थान ही नहीं वरन सुदूर राज्यों में भी अपनी छाप छोड़ चुका है। विभिन्न राज्यों में प्रवासी राजस्थानियों के लिए शिवगंज का वस्त्र बाजार खासा लोकप्रिय है। प्रमुख कारण कपड़ों की कम कीमत और बेहतरीन क्वॉलिटी है।

सिरोहीJul 17, 2022 / 01:52 pm

Santosh Trivedi

सिरोही जिले के शिवगंज शहर का वस्त्र व्यापार केवल राजस्थान ही नहीं वरन सुदूर राज्यों में भी अपनी छाप छोड़ चुका है। विभिन्न राज्यों में प्रवासी राजस्थानियों के लिए शिवगंज का वस्त्र बाजार खासा लोकप्रिय है। प्रमुख कारण कपड़ों की कम कीमत और बेहतरीन क्वॉलिटी है। कोरोना काल को छोड़ दें तो यहां सालाना कपड़े का दो सौ से ढाई सौ करोड़ का कारोबार होता है। कुल मिलाकर शिवगंज की पहचान एक बड़ी कपड़ा मंडी के रूप में बन चुकी है। ग्राहकों की हर पसंद का यहां वर्क वाला कपड़ा सहज ही मिल जाता है। खास तौर पर कोलकाता वर्क की ज्यादा मांग रहती है।

कोलकाता के कारीगरों का कमाल:
कपड़े के शोरूम के व्यापारी बताते हैं कि यहां खास तौर पर कोलकाता के हैंडवर्क और जरदोजी वर्क की मांग अधिक रहती है। यहां के व्यापारी सीधे सम्पर्क में रहने से कोलकाता के कारीगरों को रॉ मेटेरियल मुहैया करवा देते हैं। वे वहां से लहंगे आदि तैयार कर यहां भेजते हैं। वहां लेबर काफी सस्ती है। नतीजतन यहां मुंबई व अन्य महानगरों से सस्ता कपड़ा आसानी से मिल जाता है।

पौने दो लाख का लहंगा भी उपलब्ध:
कपड़े की सौ से अधिक दुकानों व शो-रूम में ढाई हजार से लेकर पौने दो लाख रुपए तक लहंगा मिल जाता है। डेढ़ सौ-दो सौ से लेकर 40 हजार तक की साड़ी तथा पांच सौ से लेकर 35 हजार तक के सलवार सूट मिल जाते हैं। बेहतरीन क्वॉलिटी की राजपूती पौशाकें उपलब्ध हैं। दूरदराज से राजपूती पौशाकों की खरीदारी करने लोग आते हैं।

सोना-चांदी और मिठाई में भी अग्रणी:
शिवगंज शहर सोना-चांदी की मंडी के रूप में उभरता जा रहा है। मिठाई, रेडीमेड, हौजरी, कॉस्मेटिक व फोटाग्राफी का भी अच्छा-खासा कारोबार है। शादी-ब्याह की खरीदारी के लिए ग्राहक अक्सर इसी शहर को चुनते हैं।

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