मामला निकट के देवली गांव का है। जहां स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम के दौरान आरबीएसके टीम को एक ऐसा बालक मिला जो जन्म से ही ह्रदय से संबंधित गंभीर बीमारी (कोन्जेनाइटल हर्ट डिजीज ) से ग्रसित था। परिवार के लोग उसकी शल्य चिकित्सा करवाने से मुकर गए। ऐसा एकबार नहीं पांच बार हुआ। एकबारगी तो परिजन उसे जोधपुर के अस्पताल से गांव ले आए। ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कौशल ओहरी की आरबीएसके टीम के सदस्य डॉ हीना, डॉ नरेश, ज्ञानीराम तथा तेजपाल ने देवली के जीवाराम और उसके परिवार को मनाया। भरोसा दिलाया कि दो साल के योगेश को ठीक कर घर लाएंगे। भरोसे और वादे के बाद शल्य चिकित्सा करवाने पर परिवार ने सहमति दी। कागजात और अन्य फोरी समस्याओं का सामना करने के बाद आखिरकार इस बालक का गत दिनों जोधपुर के एक अस्पताल में सफल शल्य चिकित्सा हुई और आज यह बालक ठीक होकर अपने घर लौट आया है।