परिवार की हर तरह की जरूरत पूरी करने की जद्दोजहद में जुटे किसानों ने नवाचारों की राह पकडी। सपने को साकार करने के लिए मेहनत मे कोई कसर नहीं छोडी। कुदरत ने भी उनकी मेहनत का पूरा प्रतिफल दिया। अब किसान परिवारों का जीवन संवर रहा है… मिलिए परंपरागत खेती से हटकर नवाचार करने वाले किसान से…
सिरोही•Jul 14, 2022 / 03:24 pm•
MAHENDRA SINGH VAGHELA
मेहनत की बूंदों से… खुशी के फूल
गुलाब की खेती से महकी जिंदगी
अमरसिंह राव @ सिरोही
गुलाब की खेती से शिवगंज तहसील के चांदना गांव के किसान जितेन्द्र सिंह के जीवन की बगिया में मानों बहार आ गई है। जितेन्द्र का परिवार कुछ साल पहले तक बीस हजार रुपए हर वर्ष कमा पाता था। घर खर्च चलाने के लिए उसे और भी काम करने पड़ते थे। वह कुछ सालों से परम्परागत खेती छोड़ कर अपने खेत में उगाए गए गुलाब के फूलों को बेच कर चार लाख रुपए सालाना कमा रहा है।