एसीबी टीम की पड़ताल में सामने आया कि नाका पर वाहन चालकों को दिए जाने वाले टोकन का कोई लेखा-जोखा नहीं रखा जाता था। इतना ही नहीं, टोकन पर न तो कोई मुहर लगी हुई थी और न ही किसी अधिकारी के हस्ताक्षर किए हुए थे। दिन में कितने टोकन गए और कितनी राशि संग्रहित हुई, इसके मिलान को लेकर कोई व्यवस्था तक नहीं की हुई थी। ऐसे में नाकाकर्मी मनमर्जी से ही टोकन राशि का लेखा-जोखा
रखते थे।
जानकार बताते हैं कि नाके पर सालाना एक करोड़ से अधिक की राशि का गबन किया जा रहा था। सालाना करीब 3 से 4 करोड़ रुपए नगर पालिका के कोष में जमा होते हैं। इसके अलावा एक से डेढ़ करोड़ रुपए का गबन किया जा रहा था।
एसीबी की कार्रवाई ने नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को भी संदेह के घेरे में ला दिया है। बिना हिसाब-किताब के वाहन चालकों से वसूली राशि को लेकर जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
रातभर चली कार्रवाई
माउंट आबू. नगर पालिका वाहन नाका पर एसीबी टीम की कार्रवाई शनिवार अलसवेरे तक चली। एसीबी उप अधीक्षक जितेंद्रसिंह मेड़तिया के अनुसार वाहनकर नाके पर पाई गई अनियमिततओं के दस्तावेज सीज कर दिए गए हैं। इधर, कार्रवाई के दौरान मौके से फरार नाकेदार कानसिंह को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है।
&माउंट आबू वाहन कर नाका पर भारी अनियमितता सामने आईहै। कार्रवाई के दिन 1.32 लाख रुपए अवैध वसूली के मिले। इस पर राशि व सम्बंधित दस्तावेज जब्त किए हैं। इसकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी गई है जहां से निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जितेन्द्रसिंह मेड़तिया, उप अधीक्षक एसीबी, सिरोही
&पूर्व में दो बार वाहन कर नाके पर जांच की थी। इसमें कुछ कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई थी। सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई की गई थी लेकिन गबन के सम्बंध में जानकारी नहीं है।
सुरेश थिंगर, अध्यक्ष, नगर पालिका, माउंट आबू