खुफिया सूत्रों से इस बात की सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने मामले में जांच करने के बाद मंगलवार को प्रेसवार्ता में यह खुलासा किया। बकौल सिंह, बरलूट थानाधिकारी व कान्सटेबलों ने मिलकर तस्कर को मौके से भगा दिया। भगाने की एवज में करीब दस लाख रुपए लिए। बहरहाल बरलूट एसएचओ सीमा जाखड़ के साथ कान्सटेबल ओमप्रकाश, सुरेश व हनुमान को निलंबित कर दिया गया है।
खुफिया जानकारी पर सीओ से करवाई जांच
एसपी धर्मेंद्र सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि रविवार को बरलूट थानाधिकारी से इस आशय की सूचना मिली थी कि डोडा-पोस्त की गाड़ी पकड़ी है, जिसमें भारी मात्रा में डोड़ा-पोस्त का चुरा भरा हुआ है। पर, तस्कर मौके से फरार हो गया। कार्रवाई के बाद खुफिया सूत्रों से पता चला कि मामले में पुलिस की गतिविधि संदिग्ध रही है और इसमें थानाधिकारी भी शामिल है। जिस पर उन्होंने सिरोही सीओ से मदनसिंह से जांच करवाई। जांच में सामने आया कि पुलिस ने एक तस्कर को पकड़ा था, जिसे 10 लाख रुपए लेकर छोड़ दिया गया।
पुलिस को हाथ लगे महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज
मामले में आवश्यक सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगे हैं। जिससे प्रारंभिक तौर पर लग रहा है कि पुलिस की ओर से तस्कर को सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है।
थानाधिकारी सहित चार निलंबित
मामले में एसपी धर्मेंद्र सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तस्कर से साथ साठगांठ करने में शामिल बरलूट थानाधिकारी सीमा जाखड, कांस्टेबल ओमप्रकाश, सुरेश व हनुमान को निलंबित कर दिया है। उधर, पुलिस और तस्कर के बीच साठगांठ की जांच सिरोही सीओ मदनसिंह को सौंपी हुई है। जांच में और कोई किसी भी तरह से संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने के एसपी ने निर्देश दिए हैं।