script.सवालों के घेरे में खाकी : बालदा के जंगल से डोडा.चूरा का आरोपी भागा या छोड़ दिया गया! | The accused of doda.chura escaped from the forest of Balda or was rele | Patrika News
सिरोही

.सवालों के घेरे में खाकी : बालदा के जंगल से डोडा.चूरा का आरोपी भागा या छोड़ दिया गया!

डोडा प्रकरण की जांच सरूपगंज थानेदार के पास, फिर आरोपी को पकडऩे अनादरा थानेदार बाड़मेर क्यों गए

सिरोहीJun 06, 2021 / 09:06 pm

Bharat kumar prajapat

.सवालों के घेरे में खाकी : बालदा के जंगल से डोडा.चूरा का आरोपी भागा या छोड़ दिया गया!

sirohi

अमरसिंह राव
सिरोही. चंद रोज पहले अनादरा थाना क्षेत्र में फिल्मी स्टाइल में डोडा.चूरा पकडऩे का दावा करने वाले सिरोही एसपी और वहां के थानेदार फिर सवालों के घेरे में घिर गए हैं। असल में जिस बालदा के जंगल में जीप से डोडा.चूरा बरामद करने का दावा किया गया है वहां मौके से वाकई में आरोपी भाग गया था या छोड़ दिया गया था! यह सवाल आमजन में चर्चा में है। कारण कि यदि आरोपी मौके से भाग गया था तो पुलिस को लगे हाथ उसका पता.ठिकाना कैसे लग गयाघ् इससे भी बड़ा सवाल यह कि आरोपी को पकडऩे के लिए अनादरा थानेदार पदमपालसिंह बाड़मेर क्यों गएघ् जबकि डोडा प्रकरण की जांच उनके पास है ही नहीं। मामले की जांच सरूपगंज थानाप्रभारी छगन डांगी कर रहे हैं और डांगी तक को पता नहीं है कि पदमपालसिंह बाड़मेर क्यों और किसके कहने पर गएघ् इधरए आमजन में ये चर्चा है कि इस मामले में कोई ब?ा श्खेलश् हुआ था और उसी सिलसिले में वे बाड़मेर गए थे!
दरअसलए चंद रोज पहले अनादरा क्षेत्र में पुलिस ने डोडे से भरी गाड़ी पकड़ी थी। चर्चा है कि उसमें दो आरोपी सवार थे। इनमें से एक जना बालदा गांव से पहले ही बीच रास्ते में गाड़ी से उतर कर भाग गया था। जिसे आसपास के लोगों के भागते देखने की बात पुलिस ने ही बताई थी। दूसरा आरोपी खुद जीप चालक था और वह गाड़ी में ही था। यह बात भी खुद अनादरा थानेदार ने स्वीकारी है कि उसने गाड़ी में चालक को देखा था पर उन्होंने बताया था कि पकडऩे से पहले ही वह मौका पाकर फरार गया।
एसपी ने ये बताई थी कहानी
पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक ने बीती 23 मई 2021 को बताया था कि पुलिस ने फिल्मी स्टाइल से तस्करों का सामना करते हुए जीप और डोडा पकड़ा और आरोपी फरार हो गए। इस दौरान अनादरा थानेदार ने जान बचाने के लिए तस्करों पर दो फायर तक किए। इसके बाद चालक बालदा जोड़ ;वेलांगरीद्ध में चालक गाड़ी को वहीं छोड़कर भाग गया। गाड़ी से 349 किलो 400 ग्राम डोडा.पोस्त और 2 जिन्दा कारतूस मिले। फॉरच्यूनर गाडी के अन्दर एक छोटी व एक बड़ी नम्बर प्लेट मिलीए जिन पर एक ही नम्बर एमएच.11 सीके 3339 लिखा पाया गया। पूरे प्रकरण की जांच सरूपगंज थानाप्रभारी छगन डांगी को सौंप दी गई।

जांच अधिकारी बोले. मुझे नहीं पता अनादरा थानेदार बाड़मेर क्यों गए थेघ्
डोडा प्रकरण के जांच अधिकारी छगन डांगी का कहना है कि अनादरा डोडा प्रकरण की जांच उनके पास है और वे आरोपियों की गिरफ्तारी के पूरे प्रयास कर रहे हैं। वे इस बारे में कुछ भी बताने से बचते रहे कि अनादरा थानाप्रभारी पदमपालसिंह बाड़मेर क्यों गए थेघ् किसके कहने से गए थेघ् उन्होंने कहा कि इस बारे में तो वे ही बता सकते हैं कि क्यों गए थे। मुझे नहीं पताण्ण्ण्मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।

अनादरा थानेदार बोले.डोडे का आरोपी पकडऩे गया था बाड़मेर
अनादरा थानाप्रभारी पदमपालसिंह बोले कि डोडा प्रकरण के आरोपी को पकडऩे के लिए बाड़मेर जिले के बायतू गया था। जब उनसे पूछा गया कि डोडा प्रकरण की जांच आपके पास है ही नहीं। फिर वहां क्या लेने गएघ् तो बोले.उच्चाधिकारी के कहने पर गया था। वो उच्चाधिकारी कौनण्ण्ण्इस पर कुछ भी कहने से बचते रहे। फिर उनसे पूछा कि जब आरोपी ही मौके से भाग गया था तो आपको कैसे पता चला कि वो बायतू का रहने वाला हैण्ण्ण्वे बोले.ये आपको नहीं बता सकतेण्ण्ण्वैसेण्ण् पूना से चोरी की गाड़ी से कड़ी.कड़ी जोड़कर आरोपी का पता कर लिया। फिर सवाल पूछा कि गाड़ी ही चोरी की है तो फिर हाथोंहाथ कैसे कड़ी से कड़ी जोड़ीण्ण्ण्इस पर कहा कि सारी बात फोन पर नहीं बता सकते और फोन कटकर दिया।
सवाल के घेरे में पुलिसण्ण्ण्
.जिस अनादरा थानेदार के पास डोडा.चूरा के मामले की जांच ही नहीं हैए वे मामले के तीसरे दिन ही डोडा के आरोपी को पकडऩे बाड़मेर जिले के बायतू क्यों चले गएघ् किसके कहने पर गएघ् यदि आरोपी को पकडऩे गए थे तो पकड़कर लाए क्यों नहींघ्
.वो उच्चाधिकारी कौनण्ण्ण्जिसने जांच अधिकारी को दरकिनार कर किसी हाथोंहाथ दूसरे थानेदार को डोडा के आरोपी को पकडऩे के लिए बाड़मेर भेज दिया और क्योंघ् फिर जांच अधिकारी का मतलब क्याघ्

आरोपी भाग गए थे और मौके पर कोई पता या एड्रेस तक नहीं मिला था। डोडे से भरा वाहन भी चोरी का था तो पुलिस को इतना जल्दी कैसे पता चल गया कि आरोपी बाड़मेर जिले के बायतू क्षेत्र का ही हैघ् या मामला कुछ और है
अनादरा थानेदार का कहना था कि आरोपियों ने उनपर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया इसलिए उन्होंने बचाव में उनके ऊपर दो फायर किए। उनमें से एक फायर से टायर फट गया। क्या यह संभव है कि सामने पूरी पुलिस टीम खड़ी हो और फायर कर रही हो तो कोई निहत्था गाड़ी छोड़कर भाग जाए

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