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सिरोही

VIDEO शिवगंज का सरकारी अस्पताल खुद बीमार, अधिकांश चिकित्सक अवकाश पर, मरीजों के वार्ड तक खाली

शिवगंज. सिरोही जिले के प्रमुख व्यापारिक शहर कहे जाने वाले शिवगंज के सबसे बड़े रेफरल अस्पताल की लगता है सेहत खराब है।

सिरोहीJun 12, 2019 / 12:09 pm

Bharat kumar prajapat

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शिवगंज. सिरोही जिले के प्रमुख व्यापारिक शहर कहे जाने वाले शिवगंज के सबसे बड़े रेफरल अस्पताल की लगता है सेहत खराब है। अस्पताल में कहने को तो आठ चिकित्सकों को नियुक्त किया हुआ है। लेकिन हकीकत में एक या दो चिकित्सक ही कार्य पर है बाकी किसी न किसी कार्य से लम्बे अवकाश पर चल रहे है। गर्मी के दिनों में एक तरफ मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहता है, ऐसे हालात में इतने चिकित्सकों को लंबा अवकाश कैसे दे दिया गया यह भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। चिकित्सकों की कमी की वजह से उपचार करवाने आने वाले मरीजों की भीड़ के बावजूद अस्पताल के वार्ड खाली पड़े है। स्त्री रोग विशेषज्ञ की उपलब्धता के बावजूद प्रसूताओं को मजबूरन दूसरे अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि राजकीय सामुदायिक अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर मरीजों की शिकायतों के चलते मंगलवार को पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो कई हैरान करने वाली बातें सामने आई। सुबह करीब दस बजे टीम जब अस्पताल पहुंची तो अस्पताल में सामान्य चिकित्सा विभाग में डॉ. शैतान कुमार कार्य करते मिले। उनके चैम्बर के सामने मरीजों की कतारें लगी हुई थी। उनके पास ही आयुष चिकित्सक डॉ शकील मोहम्मद बैठे थे जो उनकी मदद कर रहे थे। दंत रोग विभाग में तैनात चिकित्सक अपना रोजमर्रा का कार्य निबटा रहे थे। इसके अलावा अन्य चिकित्सकों के चैम्बर खाली पड़े थे। एक अन्य चिकित्सक डॉ संयोगिता राठौड़ ड्यूटी पर तो थी लेकिन वे किसी को बताए बिना ही अपने व्यक्तिगत कार्य निबटाने के लिए अस्पताल से बाहर गई हुई थी। करीब आधे घंटे तक पत्रिका टीम अस्पताल में रही। तब तक नि:श्चेतना विशेषज्ञ वापस नहीं लौटी थी। इस बारे में जब कार्यवाहक प्रभारी डॉ शैतान कुमार से बात की गई तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि वे कहां गई हुई है। बाद में डॉ शकील ने उनसे मोबाइल पर बात की तो थोड़ी देर के बाद वे अस्पताल पहुंची। उस समय अस्पताल में करीब दो सौ का ओपीडी बताया गया।
पता नहीं कब आएंगे…
पत्रिका टीम ने जब कार्यवाहक प्रभारी डॉ शैतान कुमार से अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के अवकाश के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मनीषा कच्छवाह पिछले काफी दिनों से अवकाश पर है तथा वे वापस ड्यूटी पर कब लौटेंगी इसका कोई पता नहीं है। इसी प्रकार डॉ वीणा सोलंकी एक साल से अवकाश पर चल रही है उनके भी अस्पताल आने के बारे में कोई निश्चित तिथि नहीं है। अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ गोपालसिंह 3 जून से अवकाश पर है। वे 13 जून को फिर से ड्यूटी पर आएंगे। इसी प्रकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ माणकचंद जैन 15 दिन की पीएल पर है। एक अन्य चिकित्सक डॉ पुष्पा मीना भी चार दिन के अवकाश पर गई हुई है।
एक चिकित्सक के भरोसे व्यवस्था
अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौसमी बीमारियों के प्रकोप के बावजूद सामान्य चिकित्सा मात्र एक चिकित्सक के भरोसे टिकी हुई है। किसी सरकारी कार्य अथवा कोर्ट पेशी होने पर उनके वहां चले जाने पर वह व्यवस्था भी ठप हो जाती है। उसके बाद अस्पताल में एक मात्र आयुष चिकित्सक ही रह जाते है जो केवल आयुर्वेद एवं युनानी चिकित्सा उपचार ही दे
सकते हैं।
खाली पड़े हैं वार्ड
अस्पताल में अव्यवस्था का आलम इस कदर है कि सरकारी आदेश पर गर्मी के दिनों में लू संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या अधिक होने को देखते हुए लू, ताप घात वार्ड तो बना दिया गया है लेकिन चिकित्सकों के अभाव में लू ताप घात वार्ड में मरीजों का टोटा है। इतना ही नहीं प्रसुता वार्ड जहां उपखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से प्रसूताओं को प्रसव के लिए लाया जाता था वार्ड में बामुश्किल कोई बेड खाली मिलता था। वहां चिकित्सक के अभाव में आज सारे पलंग खाली पड़े हैं।
सफाई पर नहीं ध्यान
एक कहावत है कि ‘धणियो वगर घर हुनाÓ ये आज इस अस्पताल पर सटीक साबित हो रही है। अस्पताल में मॉनिटरिंग के अभाव में सफाई व्यवस्था के हाल भी खराब है। एमओटी सहित अन्य स्थानों पर सफाई समय पर नहीं हो रही है। नर्सिग स्टाफ की संख्या तो पर्याप्त है। वे अपनी ड्यूटी पर समय पर भी आते हंै और छह घंटे की अपनी ड्यूटी भी पूरी कर रहे हंै, लेकिन कार्य के अभाव में वे भी अपना समय मोबाइल पर गेम खेलकर या फिर फेसबुक चला कर पूरा कर रहे हंै।
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