इसकी सीढिय़ां भी जर्जर हो गई हैं। दिन में कई बार टंकी से प्लास्टर के टुकड़े टूटकर नीचे गिरते हैं जिससे चोट लगने की आशंका बनी रहती है। शादी समारोह एवं अन्य कार्यक्रम दूसरे स्थान पर करने पड़ते हैं।
पूर्व में भी पत्रिका ने प्रमुखता से जलाशय का मामला उठाकर मरम्मत का सुझाव दिया था। विभागीय अधिकारियों ने मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा था। मरम्मत नहीं गिराने के निर्देश
प्रस्ताव के बाद सर्वे में इसे गिराने का सुझाव दिया था। उच्चाधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। विडम्बना है कि स्थानीय अधिकारियों ने कार्रवाई का प्रस्ताव बनाकर नहीं भेजा है। इस वजह से राशि का आवंटन नहीं हो सका है।
– विनोदसिंह शेखावत, कनिष्ठ अभियंता