scriptSHEOGANJ PATRIKA हादसे का सबब बन सकता है उच्च जलाशय, करीब ढाई दशक पूर्व दादाबाड़ी के समीप बनी टंकी, गिर रहे प्लास्टर के टुकड़े | The high reservoir of the accident can be made, the tank made near Dad | Patrika News
सिरोही

SHEOGANJ PATRIKA हादसे का सबब बन सकता है उच्च जलाशय, करीब ढाई दशक पूर्व दादाबाड़ी के समीप बनी टंकी, गिर रहे प्लास्टर के टुकड़े

शिवगंज. करीब ढाई दशक पूर्व शहर की जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से दादाबाड़ी के समीप निर्मित उच्च जलाशय अब जर्जर हो चुका है।

सिरोहीMar 18, 2019 / 10:56 am

Bharat kumar prajapat

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शिवगंज. करीब ढाई दशक पूर्व शहर की जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से दादाबाड़ी के समीप निर्मित उच्च जलाशय अब जर्जर हो चुका है। हालत यह है कि टंकी से हर वक्त पानी टपकता है और प्लास्टर के टुकड़े गिरते हंै। इसके आसपास खड़े रहने से लोग कतरा रहे हैं। बावजूद इसके विभाग लगातार इसका उपयोग कर रहा है। आसपास निवास करने वाले लोगों का कहना है कि हमें तो यहां हर समय मौत का साया मंडराता नजर आता है। इतना ही नहीं, विभागीय अधिकारियों ने इसे अवधिपार बताते हुए गिराने के आदेश भी कर दिए हंै। विभाग इसे गिराने के खर्च का प्रस्ताव तैयार नहीं करवा पाया है। ऐसे में यह बड़े हादसे का सबब बन सकता है।
शहर के नेहरू नगर, दादाबाड़ी, आखरिया, मुख्य बाजार, अंबिका चौक, गोकुलवाड़ी सहित आसपास के क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था को लेकर होने वाली परेशानियों को लेकर विभाग ने दादाबाड़ी क्षेत्र में राजकीय माध्यमिक विद्यालय के सामने उच्च जलाशय का निर्माण करवाया था। हालत यह है कि जब भी इस जलाशय को भरा जाता है उस समय पानी अधिक मात्रा में नीचे गिरता है। टंकी के पास से ही बडग़ांव की तरफ मार्ग है जो अधिकांशत: व्यस्त ही रहता है। इसके ठीक सामने माध्यमिक विद्यालय है, जहां दिन भर बच्चों की आवाजाही रहती है। ऐसे में टंकी से गिरता पानी सड़क पर जमा हो जाता है। इससे सड़क जर्जर हो ही गई है और आवागमन में भी दिक्कत होती है।
सीढिय़ां भी जर्जर
इसकी सीढिय़ां भी जर्जर हो गई हैं। दिन में कई बार टंकी से प्लास्टर के टुकड़े टूटकर नीचे गिरते हैं जिससे चोट लगने की आशंका बनी रहती है। शादी समारोह एवं अन्य कार्यक्रम दूसरे स्थान पर करने पड़ते हैं।
पत्रिका ने उठाया था मामला
पूर्व में भी पत्रिका ने प्रमुखता से जलाशय का मामला उठाकर मरम्मत का सुझाव दिया था। विभागीय अधिकारियों ने मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा था।

मरम्मत नहीं गिराने के निर्देश
प्रस्ताव के बाद सर्वे में इसे गिराने का सुझाव दिया था। उच्चाधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। विडम्बना है कि स्थानीय अधिकारियों ने कार्रवाई का प्रस्ताव बनाकर नहीं भेजा है। इस वजह से राशि का आवंटन नहीं हो सका है।
उच्चाधिकारियों ने जलाशय को गिराने के निर्देश दिए हैं। खर्च की राशि का प्रस्ताव तैयार करवाना है। यह कार्य शीघ्र ही कर अनुमति मिलते ही गिराने की कार्रवाई की जाएगी।
– विनोदसिंह शेखावत, कनिष्ठ अभियंता

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