script‘साहब! आपने तो मुझे मृत बता दिया, मैं तो जीवित हूं, पेंशन दिलवा दो’ | Veteran Velaram Garasiya requested for Pension - Declared Dead in Docs | Patrika News
सिरोही

‘साहब! आपने तो मुझे मृत बता दिया, मैं तो जीवित हूं, पेंशन दिलवा दो’

‘साहब! आपने तो मुझे मृत बता दिया, मैं तो जीवित हूं, पेंशन शुरू करवा दो।’

सिरोहीFeb 20, 2019 / 02:16 pm

Kamlesh Sharma

Pension
आबूरोड। ‘साहब! आपने तो मुझे मृत बता दिया, मैं तो जीवित हूं, पेंशन शुरू करवा दो।’ कुछ इन शब्दों के साथ ही 65 वर्षीय वेलाराम गरासिया सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर स्वयं के जीवित होने का प्रमाण देना पड़ रहा है, लेकिन सरकारी कारिंदों की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
अब इसे सरकारी कामकाज की ढिलाई कहें या लापरवाही लेकिन वृद्धावस्था पेंशन के लिए पीडि़त को सात माह से कार्यालयों के चक्कर काटने को विवश है। तहसील के आवल ग्राम पंचायत के सबलाफली निवासी वेलाराम पुत्र देवाराम गरासिया को 3 मई 2013 को पेंशन स्वीकृत की गईथी। जिसे 16 जुलाई 2018 को बंद कर दिया गया।
आवेदन में पेंशन बंद करने का कारण वेलाराम की मृत्यु होना बताया गया है। वही प्रमाण पत्रमें अंतिम वेरिफिकेशन मई 2018 में होना बताया। जबकि लाभार्थी गत सात माह से कभी पंचायत व पंचायत समिति कार्यालय तो कभी उप कोषाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी पेंशन शुरू नहीं हुई है।
वेलाराम ने बताया कि गत वर्ष जुलाई माह तक तो पेंशन मिल रही थी। फिर अचानक बंद हो गई। इस पर वे पंचायत व उप कोष कार्यालय भी जाकर आए, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
ग्रामसेवक को बताने पर जवाब दिया गया कि उनके पास अन्य पंचायतों का भी कामकाज है। सात माह बाद जीवित होने का दिया प्रमाण पंचायत कार्यालय के कई बार चक्कर काटने के बाद मंगलवार को आवल सरपंच गणेशकुमार ने प्रमाण पत्र जारी कर वेलाराम के जीवित होने का प्रमाण दिया। लाभार्थी ने बताया कि पेंशन नहीं मिलने से स्वयं का खर्च निकालने में भी परेशानी हो रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो